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पथ निर्माण का वादा कर भूले शिवराज, अब कांग्रेस निकालेगी राम वन गमन पथ यात्रा

भोपाल। चुनावी साल में शिवराज सिंह को अधूरी घोषणाएं भारी पड़ती नजर आ रही हैं. सीएम शिवराज सिंह ने घोषणा की थी कि वनवास के दौरान भगवान राम मध्यप्रदेश में जहां-जहां से गुजरे हैं, वहां राम वन गमन पथ का निर्माण किया जाएगा. लेकिन यह योजना पूरी नहीं हुई. अब इस मुद्दे उठाते हुए कांग्रेस ने राम वन गमन पथ यात्रा निकालने जा रही है.

वहीं कमलनाथ ने एलान किया है कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने पर कांग्रेस राम वनगमन पथ का निर्माण किया जाएगा. कांग्रेस के इस एलान के साथ सियासत तेज हो गयी है. बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस जनता की असली ताकत समझ कर अब वो हर काम कर रही है, जो बीजेपी करती है. वहीं कमलनाथ का कहना है कि बीजेपी ने धर्म का ठेका ले लिया है, हम सब धर्मप्रेमी हैं और बीजेपी धर्म को राजनीति में लाती है.

रामवन गमन पथ को लेकर शिवराज सरकार ने क्या काम किया
सीएम शिवराज सिंह ने 2007 में चित्रकूट में रामवन गमन पथ बनाने का एलान किया था. इस सिलसिले में 2008 में संस्कृति विभाग ने एक बैठक बुलाकर 11 जानकारों को रामवन गमन पथ पर शोध करने का जिम्मा सौंपा था. बाकायदा इसके लिए समिति ने रामवन गमन वाले जिलों का दौरा किया था. मार्च 2009 से दिसम्बर 2010 तक पूरा सर्वेक्षण करने के बाद समिति ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी थी. समिति की रिपोर्ट के बाद सरकार ने संबंधित जिलों को योजना बनाकर भेजने के लिए लिखा था लेकिन न तो जिलों ने रूचि दिखाई और न ही शिवराज सरकार को रामवन गमन पथ की याद रही.

वनवास के दौरान मप्र में इन इलाकों से गुजरे थे राम-सीता
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार वनवास के दौरान भगवान राम सीता और लक्ष्मण ने चित्रकूट के रास्ते मध्यप्रदेश में प्रवेश किया था. भगवान राम मौजूदा सतना जिले से होते हुए रीवा, पन्ना, छतरपुर, शहडोल और अनूपपुर होते ही रामेश्वरम के लिए रवाना हो गए थे. भगवान राम के वनवास को लेकर कई स्थानों के पौराणिक नामों के साथ धार्मिक ग्रंथों में उल्लेख भी मिलता है.

भगवान राम के नाम पर धोखे को मुद्दा बना रही है कांग्रेस
कांग्रेस ने शिवराज सरकार की इस अधूरी घोषणा को मुद्दा बनाने का फैसला किया है. इस मु्द्दे को उठाकर कांग्रेस राम मंदिर मुद्दे को लेकर भी भाजपा पर निशाना साधना चाहती है क्योंकि 2014 चुनाव में राम मंदिर बनाने की बात कही गयी थी, लेकिन 4 साल बाद वो भी अधूरी है, जबकि सियासी नफा नुकसान के चलते कई मामलों में मोदी सरकार कोर्ट के खिलाफ जाकर अध्यादेश जारी कर चुकी है या कानून बना चुकी है. मध्यप्रदेश चुनाव में राम नाम के मुद्दे का तड़का लगाने के लिए कांग्रेस ने सरकार बनने पर जहां रामवन गमन पथ को बनाने का एलान कर दिया है, वहीं इसी महीने रामवन गमन पद यात्रा निकालने की तैयारी कर ली है. इस मामले में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ का कहना है कि बिल्कुल हम रामवन पथ गमन बनाएंगे. बीजेपी ने तो बहुत कुछ नहीं किया, तो आने वाले समय में जो हमारा नक्शा होगा, हम बहुत कुछ बनवाएंगे, बहुत कुछ करेंगे.

बीजेपी बोली कांग्रेस कर रही नकल, कांग्रेस ने कहा धर्म का ठेका बीजेपी का नहीं
कांग्रेस के इस एलान के साथ ही सियासत तेज हो गयी है. बीजेपी की शिवराज सरकार इस बात का तो जवाब नहीं दे रही है कि वो 11 साल पुरानी घोषणा पूरी क्यों नहीं कर पाई लेकिन रामवन गमन पथ को लेकर कांग्रेस पर हमला करते हुए मप्र सरकार के प्रवक्ता और जनसंपर्क मंत्री नरोत्तम मिश्रा कहते हैं कि वो सारे काम कर रहे हैं जो भाजपा कभी करती थी. मैनें कहा कि वो जनता की ताकत समझ चुके हैं कि जनता कहां है. जनता भी ये समझ रही है कि ये चुनाव के वक्त ये किस तरह से प्रलाप करती है, ये जनता भी खूब समझ रही है. भगवान राम के नाम पर चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ये किसी नाम से चुनाव लड़ लें, ये पिछले कई चुनावों में अलग-अलग स्वांग रच के कई चुनाव लड़ चुके हैं. आप इनकी स्थिति कई राज्यों में देख चुके हैं. दो तीन राज्य और बचे हैं, प्रतीक्षा उन राज्यों के चुनावों की और है.

वहीं इस मामले में पलटवार करते हुए कमलनाथ कहते हैं कि भाजपा ने धर्म का ठेका ले लिया है. वो जो धर्म के आधार पर राजनीति करते हैं, धर्म को राजनीतिक मंच बनाते हैं, हम इसका विरोध करते हैं. हम सब धर्मप्रेमी हैं, बीजेपी के लोग हमसे ज्यादा धर्मप्रेमी नहीं हैं हमें उनसे धर्म का प्रमाण पत्र नहीं चाहिए.

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