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नेता बनी प्रियंका गांधी के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं पति रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ चल रहे केस

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की बहन प्रियंका गांधी अब पार्टी में अहम जिम्मेदारी संभालने जा रही हैं. अभी तक राहुल गांधी के लिए पर्दे के पीछे रहकर काम करने वाली प्रियंका अब पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी बनाई गई हैं. उन्हें सक्रिय राजनीति में लाने की मांग कांग्रेस में लंबे अर्से से चली आ रही थी. लेकिन ठीक आम चुनाव से पहले पार्टी ने प्रियंका को मैदान में उतार दिया है. उनके आने से कांग्रेस पार्टी में भारी उत्साह बना हुआ है. लेकिन पति रॉबर्ट वाड्रा से जुड़े मामले प्रियंका के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं.

वर्ष 2014 में मोदी सरकार के आते ही गांधी परिवार के दामाद रॉबर्ट वाड्रा के लिए परेशानी का दौर शुरू हो गया था. उनके खिलाफ कई मामले उजागर हुए. जिनमें हरियाणा के गुडगांव और राजस्थान के बीकानेर में लैंड डील के अलावा ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज से जुड़े मामले और आयकर विभाग से संबंधित केस शामिल हैं. इन मामलों को लेकर हमेशा बीजेपी गांधी परिवार को घेरने की कोशिश करती रही. और कांग्रेस नेता उनके बचाव में खड़े होते रहे. हम आपको बताते हैं, रॉबर्ट वाड्रा से जुड़े दो बड़े मामलों के बारे में.

कोलायात लैंड डील

यह मामला राजस्थान के बीकानेर जिले का है. जो कोलायात की एक लैंड डील से जुड़ा है. दरअसल, हुआ यूं कि सेना के लिए महाजन फील्ड फायरिंग रेंज बनाई गई थी. उसकी वजह से विस्थापित हुए लोगों के लिए सरकार ने एक जमीन का चुनाव किया. जो उन लोगों को बांटी जानी थी. लेकिन उसमें से 270 बीघा जमीन को पहले 79 लाख में खरीदा गया और बाद में उसी जमीन को 3 साल के भीतर पांच करोड़ में बेच दिया गया. जब ये मामला खुला तो इसमें गांधी परिवार के दामाद यानी प्रियंका के पति रॉबर्ट वाड्रा का नाम सामने आया. उनके दो पार्टनर आशोक कुमार और महेश नागर के नाम भी इस मामले में उजागर हुए. इसके बाद वहां के तहसीलदार ने भी इस संबंध में फर्जीवाड़े की शिकायत की. मामले के तूल पकड़ने पर PMLA के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने वर्ष 2015 में केस दायर किया. इसी मामले में 2017 के दौरान ईडी ने रॉबर्ट वाड्रा के करीबियों के यहां छापेमारी की कार्रवाई को अंजाम दिया. बीते साल 30 नवबंर को ठीक राजस्थान विधान सभा के चुनाव से पहले प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ समन जारी करते हुए, उन्हें बीकानेर लैंड डील केस में पूछताछ के लिए भी बुलाया था.

हरियाणा जमीन घोटाला

गुडगांव और अन्य स्थानों पर जमीन की खरीद फरोख्त से जुड़े घोटाले में जब रॉबर्ट वाड्रा का नाम आया तो हडकंप मचना लाजमी था. इस मामले में बड़ी अनियमितता उजागर हुई. हरियाणा से कांग्रेस की हुड्डा सरकार के पतन के बाद ये मामला सत्ताधारी बीजेपी ने खूब उछाला. जांच बैठाई गई और आखिरकार 1 सितंबर 2018 को प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया. उस मुकदमें में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा को भी नामजद किया गया. इस चर्चित घोटाले के संबंध में वाड्रा और हुड्डा के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 120बी, 467, 468 और 471 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया. यही नहीं उन दोनों के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट 1988 की धारा 13 के तहत भी कार्रवाई की गई. इस दौरान ED की टीम ने वाड्रा के कई ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की कार्रवाई की थी.

IAS अशोक खेमका ने किया था खुलासा

जब हरियाणा लैंड कंसोलिडेशन डिपार्टमेंट से आईएएस अधिकारी अशोक खेमका की छुट्टी की गई तो उन्होंने चार्ज छोड़ने से ठीक पहले रॉबर्ट वाड्रा और रियल एस्टेट कंपनी DLF के बीच हुए सौदे (म्यूटेशन) रद्द कर दिया था. इसकी वजह बताते हुए खेमका ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि अगर निष्पक्ष जांच की जाए तो हरियाणा में की कांग्रेस शासनकाल के दौरान 20,000 करोड़ से 350 हजार करोड़ तक का लैंड घोटाला सामने आ सकता है. इन मामलों के उजागर होने पर बीजेपी समेत कई विरोधी दलों ने कांग्रेस पार्टी और गांधी परिवार को घेरने की कोशिश की थी. समय-समय पर रॉबर्ट से जुड़े मामलों को बीजेपी ने मुद्दा भी बनाया.

कई मामलों में आया था नाम

बीकानेर और गुड़गांव के अलावा, ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज के मामले भी रॉबर्ट वाड्रा के लिए परेशानी का सबब बने. उनकी कंपनियों के लाइसेंस में अनियमितता पाई गई थी. इससे पहले, रॉबर्ट वाड्रा को आयकर विभाग ने 42 करोड़ रुपये की अज्ञात आय के मामले में भी नोटिस थमा दिया था. यह मामला वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटलिटी प्राइवेट लिमिटेड से जुड़ा था. इस कंपनी में रॉबर्ट की 99 फीसदी हिस्सेदारी है. यूपीए सरकार के कार्यकाल में 2जी और CWG से जुड़े कुछ मामलों में भी वाड्रा का नाम उछला था.

हालांकि ऐसे कई मामले थे, जिनमें वाड्रा को क्लीन चिट मिल गई. इन सभी मामलों में रॉबर्ट और गांधी परिवार सीधे तौर पर बोलने से बचता रहा है. लेकिन अब प्रियंका के सक्रिय राजनीति में आ जाने से ये मामले उनके लिए सियासी परेशानी के तौर पर सामने आएंगे. बीजेपी समेत विपक्षी दल रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ चल रहे मामलों को चुनाव में भी बड़ा मुद्दा बना सकते हैं. ऐसे में प्रियंका के लिए उनकी सियासी पारी की शुरूआत मुश्किलों भरी हो सकती है.

अमेरिकी अखबार का खुलासा

गौरतलब है कि जब 2014 में लोकसभा चुनाव चल रहे थे. ठीक उसी वक्त प्रतिष्ठित अमेरिकन अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल ने एक रिपोर्ट छापकर सनसनी फैला दी थी. उस रिपोर्ट में छपा था कि वर्ष 2007 में प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा ने महज 1 लाख रुपये से अपना कारोबार शुरू किया था. मगर साल 2012 तक उनकी जायदाद 300 करोड़ से भी ज्यादा हो गई थी. जबकि उस वक्त पूरी दुनिया आर्थिक मंदी से जूझ रही थी.

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