बिरगांव में महापौर चुनाव से पहले कांग्रेस और निर्दलीय पार्षदों ने की मुख्यमंत्री से मुलाकात
रायपुर । बिरगांव नगर निगम महापौर और सभापति चुनाव के इंतजार की घड़ी खत्म हो गई। मंगलवार को निगम को नए महापौर और सभापति मिल जाएंगे। निगम चुनाव परिणाम आने के बाद अज्ञातवास पर गए कांग्रेस और निर्दलीय चुनाव जीतकर आए पार्षद रायपुर वापस लौट आए हैं। सोमवार को उन्होंने रायपुर ग्रामीण विधायक सत्यनारायण शर्मा के साथ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात की। मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद पार्षदों को निजी होटल में ठहराया गया है। मंगलवार की सुबह पार्षद होटल से सीधे निगम कार्यालय जाकर वोट करेंगे।
बिरगांव नगर निगम चुनाव में कांग्रेस पार्टी के 19 पार्षद चुनाव जीतकर आए हैं। बिरगांव में कांग्रेस पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। पहली बार बिरगांव में महापौर का चुनाव पार्षद करेंगे। कांग्रेस पार्टी को बिरगांव की सत्ता पर काबिज होने के लिए 21 पार्षदों की जरूरत है।
चुनाव परिणाम आते ही निर्दलीय पार्षदों ने कांग्रेस को समर्थन दे दिया है। इसके कांग्रेस पार्टी की बेचैनी कम हो गई है, लेकिन उसके बाद भी कांग्रेसी नेता फूंक-फूंक कर कदम रख रहे हैं, क्योंकि बिरगांव में भले ही कांग्रेस सरकार बनाने जा रही हो, पर कहीं न कहीं डर कांग्रेस को भी है। इसकी वजह है कि बिरगांव में कांग्रेस पार्टी के बड़े-बड़े दिग्गज नेताओं की साख दांव पर लगी है। इसलिए महापौर चुनाव में भाजपा सेंध मारने का प्रयास कर सकती है।
जानिए कितने निर्दलीय ने दिया समर्थन
बिरगांव नगर निगम में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस को दो पार्षदों की दरकार थी, जिसमें चुनाव परिणाम आते ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने दो निर्दलीय पार्षद वार्ड क्रमांक एक की प्रत्याशी शकुंतला धन्नाु बंदे, वार्ड क्रमांक 11 के निर्दलीय पार्षद सुशीला मारकंडे और वार्ड क्रमांक 13 के निर्वाचित निर्दलीय पार्षद अश्वनी यादव, पार्षद दीपक साहू, बसंत सेन ने समर्थन दे दिया है।
निर्दलीय पार्षदों को भी कांग्रेस के पार्षदों के साथ बाहर भेज दिया गया था। इससे अब बिरगांव में कांग्रेस का रास्ता साफ हो गया है। कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि निर्दलीय सभी पार्षद कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए हैं। सोमवार को सभी पार्षदों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की है।