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भारत-पाकिस्तान के रिश्ते सुधारना चाहता है चीन, उठा सकता है ये कदम

भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्तों को लेकर चीन की दिलचस्पी बढ़ गई हे। चीन ने बीते कुछ महीनों में कई बार दोनों देशों के बीच संबंध सुधारने की वकालत की है। 8 और 9 सितंबर को चीन के विदेश मंत्री का पाकिस्तान जाने का कार्यक्रम है। कूटनीतिक जानकारों का मानना है कि इस दौरे में भी चीन भारत-पाकिस्तान संबंधों में सुधार की पैरवी कर सकता है। भारत ने बार-बार अपना रुख दोहराया है कि पाकिस्तान के साथ बातचीत या रिश्ते में तीसरे पक्ष के दखल की गुंजायश नहीं है। लेकिन परदे के पीछे हो रही कवायद को चीन की ओर से भारत से रिश्तों को बेहतर बनाने की कोशिश से भी जोड़कर देखा जा रहा है।

सूत्रों ने कहा कि भारत का रुख स्पष्ट है कि पाकिस्तान से सभी मामलों का द्विपक्षीय तरीके से ही समाधान हो सकता है। इसके लिए आतंकवाद पर कार्रवाई जरूरी है। दुनिया के प्रभावी देशों से आतंकवाद के मामले में भारत समर्थन चाहता है। भारत का मानना है कि चीन समेत दुनिया के सभी प्रमुख देशों को पाकिस्तान पर आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई के लिए दबाव बनाना चाहिए। जबकि चीन का रुख पाकिस्तान को लेकर नरम रहा है।

सूत्रों ने कहा कि भारत को उम्मीद है कि बदलते वैश्विक परिवेश में चीन को भी अपना रुख बदलना होगा। अगर दक्षिण एशिया में आतंकवाद पाकिस्तान की जमीन से पांव पसारता रहेगा तो इससे चीन के व्यापारिक हितों पर भी असर पड़ेगा। चीन सार्क क्षेत्र में अपना प्रभाव चाहता है। चीन की कोशिश है कि भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध बेहतर हों जिससे उसे इस क्षेत्र में अपनी पैठ बढ़ाने का मौका मिलेद्ध कूटनीतिक जानकारों का कहना है कि अगर भारत-पाक संबंधों में तनाव बना रहता है तो सार्क का भविष्य अधर में रहेगा। ऐसे में चीन की सार्क में प्रवेश की संभावना का भी सवाल नहीं उठता।

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