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भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद अस्तित्व में नहीं, बीओजी करेगा काम

 

दिल्ली। देशभर में आयुर्वेद, योग, सिद्धा , यूनानी के लिये पाठ्यक्रम, रख- रखाव व मापदंड तैयार कर एएसयू कॉलेजों को मान्यता प्रदान करने वाला सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन ( भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद) अस्तित्व में नहीं रहा। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने 24 अप्रैल 2020 को अध्यादेश जारी कर इसके स्थान पर नवीन बोर्ड ऑफ गवर्नर्स को काम करने के लिये कहा है ।

गजट नोटिफिकेशन में आईएमसीसी एक्ट 1970 ( 1970 का 48) की धारा तीन के उपबंधों के आधार पर ही सीसीआईएम ( सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन) अब अस्तित्व में नहीं है। आयुर्वेद पीजी एसोसिएशन के प्रेसीडेंट और आयुष मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ राकेश पाण्डेय ने बताया कि सीसीआईएम के स्थान पर बोर्ड ऑफ गवर्नर्स का कार्यकाल एक वर्ष का होगा और केंद्र सरकार प्रदेश समेत देशभर के आयुर्वेद, सिद्धा व यूनानी ( एएसयू) मेडिकल कॉलेजों की रख- रखाव व मापदंड का जिम्मा उठायेगी।

इसके पूर्व भी केंद्र सरकार ने एमसीआई ( मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया) व सीसीएच ( सेंट्रल काउंसिल ऑफ होम्योपैथी) को भी बंद किया है । इनके स्थान पर बोर्ड ऑफ गवर्नर्स काम कर रहे हैं । डॉ पाण्डेय ने बताया कि जब नवीन पुनर्गठन नहीं हो जाता तब तक एक वर्ष के लिये 10 सदस्यीय बोर्ड ऑफ गवर्नर्स में नागपुर के वैद्य जयंत देवपुजारी अध्यक्ष रहेंगे। भोपाल, ग्वालियर, उज्जैन, रीवा, मंदसौर, रतलाम, बुरहानपुर, जबलपुर, इंदौर के साथ ही मप्र के विभिन्न शहरों में में 22 कॉलेज समेत देशभर में आयुर्वेद , योग, सिद्धा, यूनानी ,एएसयू के 506 कॉलेज संचालित हैं।

–अब पारदर्शिता के साथ होगा काम

निश्चित रूप से सीसीआईएम की जगह नवीन बोर्ड ऑफ गवर्नर्स देशभर के एएसयू मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश से लेकर पाठ्यक्रम, रख- रखाव व मापदंड पालन में पारदर्शिता के साथ काम करेगा। फिलहाल कोविड – 19 कोरोना संक्रमण के कारण आयुष कॉलेजों के गोपनीय निरीक्षण व मान्यता का काम अटका है। —  ( डॉ. राकेश पाण्डेय , राष्ट्रीय प्रवक्ता आयुष मेडिकल एसोसिएशन )

 

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