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CBSE पेपर लीक : मुश्किल में छात्र, नए सिरे से करनी होगी परीक्षा की तैयारी

नई दिल्ली : सीबीएसई बोर्ड के 10वीं का मैथ और 12वीं इकोनॉमिक्स का पेपर लीक मामले में दिल्ली पुलिस जांच में जुटी है लेकिन इस दौरान मुश्किल में वे छात्र हैं जो परीक्षा देने के बाद राहत की सांस ले रहे थे। अब उन्हें नए सिरे से परीक्षा की तैरानी करनी होगी। इस पेपर लीक कांड से कई सवाल खड़े हुए हैं। इस घटना ने सीबीएसई को सवालों के घेरे में खड़ा किया है क्योंकि परीक्षा तंत्र से जुड़े व्यक्ति की मिलीभगत के बिना पेपर लीक होना संभव नहीं है। यह बात भी सामने आई है कि पेपर लीक करने वालों ने सोमवार शाम को 12वीं अर्थशास्त्र की हाथ से लिखी हुई आंसर शीट सीबीएसई ऐकडमिक यूनिट को भेज दी थी। बता दें कि 12वीं अर्थशास्त्र की परीक्षा मंगलवार को थी। ऐसे में सवाल यह खड़ा हो रहा है कि जब एक दिन पहले ही सीबीएसई ऑफिस को लीक पेपर मिला तो परीक्षा रद्द क्यों नहीं कर दी गई?

बता दें कि 10वीं का मैथ का पेपर 28 मार्च को हुआ, जबकि 12वीं क्लास का इकोनॉमिक्स का पेपर 26 मार्च को हुआ था। दोनों पेपर कथित रूप से वॉट्सअप पर लीक हो गए। पेपर लीक होने से छात्रों और अभिभावकों को भारी मानसिक परेशानी के दौर से गुजरना पड़ रहा है क्योंकि ज्यादातर छात्र परीक्षा के बाद अपने घूमने-फिरने का प्रोग्राम बना चुके थे। इससे पहले भी 12वीं एकाउंटेंसी का पेपर भी लीक होने की बात कही गई थी, लेकिन बोर्ड ने इसे अफवाह बताया था।

पेपर लीक होने पर पीएम मोदी ने जताई नाराजगी
परीक्षा रद्द कर फिर से कराए जाने के मामले में पीएम मोदी ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से बात कर कड़ी नाराजगी जताई है। बताया जा रहा है कि पीएम ने जावड़ेकर से इस मामले में कड़ी कार्रवाई करने के लिए कहा है। पेपर लीक होने के बाद मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है। पेपर लीक होने के मामले में दिल्ली पुलिस ने बुधवार रात छापेमारी की कार्रवाई की। छापेमारी की यह कार्रवाई दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने दिल्ली के साथ-साथ एनसीआर के भी कई इलाकों में की है। अभी तक मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया और कई लोगों से पूछताछ की गई है। सीबीएसई ने जो शिकायत दर्ज कराई है उसमें पेपर लीक के पीछे राजेंद्र नगर में रहने वाले एक व्यक्ति का हाथ बताया था। शिकायत के मुताबिक यह व्यक्ति एक कोचिंग इंस्टीट्यूट चलाता है।

पूरे देश और दिल्ली रीजन के लिए सीबीएसई एक परीक्षा कराती है। पिछले साल तक प्रश्नपत्र अलग अलग होते थे। लेकिन इस वर्ष से पूरे देश के लिए प्रश्नपत्र एक जैसे कर दिए गए थे। इसका अर्थ ये है जिन दो विषयों का पेपर लीक हुआ है, उससे जुड़े सभी छात्रों को परीक्षा में दोबारा शामिल होना पड़ेगा। सीबीएसई का कहना है कि परीक्षा की तारीखों की घोषणा एक सप्ताह के भीतर वेबसाइट पर करेगी।

कठिन हो सकते हैं प्रश्नपत्र
दूसरा सवाल ये है कि क्या अब पेपर पहले से ज्यादा कठिन होंगे। हो सकता है कि छात्रों को कठिन प्रश्नपत्र का सामना करना पड़े। सीबीएसई को परीक्षा की पवित्रता को बनाए रखना है,लिहाजा इस तरह का सवाल या शंका जायज नहीं है कि प्रश्नपत्रों की कठिनाई का स्तर ज्यादा होगा। इस बीच शिक्षकों ने छात्रों को सलाह दी है कि वो दुखी न हों और अपनी तैयारी को जारी रखें। शिक्षकों का कहना है इस तरह की घटनाओं से गंभीर छात्रों के मनोबल पर प्रभाव पड़ता है। लेकिन इसे एक धब्बा समझ कर आगे बढ़ने की जरूरत है।

मैथ और इकॉोनामिक्स की परीक्षा दे चुके छात्रों की नींद इस पेपर लीक मामले ने उड़ा दी है। छात्रों ने काफी मेहनत से अपनी परीक्षा की तैयारी की थी अब उन्हें पता चला है कि उन्हें दोबारा से पेपर देना होगा। जरा सोचिए उन बच्चों के ऊपर क्या गुजर रही होगी जो परीक्षा देने के बाद राहत की सांस ले रहे थे। उनके मनोविज्ञान पर इसका क्या असर पड़ेगा? अब उन्हें एक बार फिर से परीक्षा की तैयारी नए सिरे से करनी होगी। सवाल है कि छात्रों को एक ईमानदार परीक्षा व्यवस्था कब मिलेगी? क्या पेपर लीक कराने वाले कानून की जद में आ पाएंगे। इस पूरे मामले में सीबीएसई परीक्षा तंत्र से जुड़े लोगों की भूमिका भी सवालों के घेरे में है क्योंकि बिना उनकी मिलीभगत के पेपर लीक नहीं हो सकता था।

कड़ी कार्रवाई की जरूरत
बड़ा सवाह है कि सिस्टम ही करप्शन को बढ़ावा दे रहा है और जिस देश के एजुकेशन सिस्टम में ही करप्शन का घुन लग जाए तो समझिए कि उस देश की हालत क्या होगी। सरकार को पेपर लीक मामले में कड़ी कार्रवाई करने की जरूरत है। क्योंकि पेपर लीक कराने के धंधे से जुड़े लोगों के मन में कानून का डर नहीं है या वे ढीले-ढाले कानूनों को फायदा उठाते हैं और सोचते हैं कि वे जल्दी छूट जाएंगे। ऐसे मामलों में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने का वक्त आ गया है।

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