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संसद में विपक्षी दलों के विरोध-प्रदर्शन का जवाब कुछ ऐसा निकाला बीजेपी सांसदों ने

नई दिल्ली: ससंद के बजट सत्र में लगातार कार्यवाही स्थगित होने की वजह से अब कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने आ गई है. संसद न चलने को लेकर सत्तारुढ़ एनडीए और विपक्षी दल कांग्रेस में गतिरोध कायम है. एक तरफ जहां, बीजेपी की दलील है कि कांग्रेस ने संसद नहीं चलने दी, वहीं कांग्रेस इसके लिए बीजेपी को जिम्मेवार मान रही है. मगर अब बीजेपी ने मोर्चा खोल दिया है और बीजेपी सांसद संसद परिसर में कांग्रेस के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे हैं. साथ ही बीजेपी सांसदों ने संसद सत्र न चलने के ख़िलाफ़ 12 अप्रैल को अपने-अपने क्षेत्र में जाकर उपवास रखने का भी फ़ैसला लिया है.

संसद की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिये स्थगित होने के बाद केंद्रीय मंत्रियों समेत राजग के सांसदों ने संसद भवन परिसर में नारे लगाते हुए पैदल मार्च किया और बाबा साहब की प्रतिमा के समक्ष धरना दिया. संसद भवन परिसर में ये सांसद कांग्रेस पर लोकतंत्र की हत्या करने, जनादेश का अपमान करने का आरोप लगाते हुए नारे लगा रहे थे. वहीं उमा भारती ने कांग्रेस को सड़क पर आकर मुकाबला करने की चुनौती दी है.

संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा, ‘बजट सत्र के दूसरे हिस्से के शुरूआत से ही सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस ने प्रारंभ से ही संसद के कामकाज को बाधित किया.’ उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी को देशभर में जो जनादेश मिला है, उसे कांग्रेस पार्टी पचा नहीं पा रही है और वह जनादेश का अपमान करने का काम कर रही है. देश की जनता ने भाजपा को 21 राज्यों में जनादेश दिश है लेकिन कांग्रेस उसे मानने को तैयार नहीं है । यह देश की जनता का निरादर है.

कुमार ने कहा कि संसद लोकतंत्र का मंदिर है और हमने सत्र के प्रारंभ में ही सभी दलों से बात की थी. हम बैंकिंग अनियमितता, कावेरी मुद्दे, दलितों के विषयों समेत सभी विषयों पर चर्चा करना चाहते थे लेकिन कांग्रेस पार्टी ने ऐसा होने नहीं दिया.

अनंत कुमार ने कहा, ‘संसद नहीं चलने से दुखी राजग सांसदों ने बाबा साहब की प्रतिमा के समक्ष अपनी भावना व्यक्त की है. अब भाजपा सांसद अपने अपने क्षेत्र में इस विषय को उठाते हुए 12 अप्रैल को एक दिन का अनशन रखेंगे.’ केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि कांग्रेस दिशाहीनता की शिकार हो गई है और हताशा में उसने संसद नहीं चलने दी. संसद में सभी सांसद अपने अपने क्षेत्र के विषयों को रखते हैं और जनता के कल्याण के विषय को उठाते हैं। लेकिन कांग्रेस ने सांसदों से यह मौका छीनने का काम किया.

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