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मध्य प्रदेश चुनावः पहले की मान-मनौव्वल, नहीं माने तो BJP ने 64 बागियों को निकाला

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में टिकट बंटवारे को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में रार बढ़ती जा रही है. अब भगवा पार्टी ने अपने आधिकारिक उम्मीदवारों के खिलाफ चुनाव लड़ने के फैसले के बाद 64 बागियों को पार्टी से छह साल के लिए बाहर कर दिया है.

प्रदेश में पिछले 15 वर्षों से सत्तारूढ़ बीजेपी को इस बार अपने बागियों को मनाने में पसीना छूट रहा है. बावजूद इसके दो पूर्व मंत्रियों समेत कुछ बड़े नामों ने चुनाव मैदान छोड़ने से इनकार कर दिया है. बुधवार को विधानसभा चुनाव के लिए नाम वापसी का अंतिम दिन था. लिहाजा बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने ही अपने बागियों को मनाने में पूरी ताकत झोंक दी. मगर बुंदेलखंड में बीजेपी के कद्दावर नेता पूर्व मंत्री रामकृष्ण कुसमरिया और अशोकनगर में पूर्व मंत्री डॉ. कन्हैयालाल अग्रवाल ने नाम वापस लेने से इनकार कर दिया.

कुसमरिया पांच बार सांसद रहे हैं और दो बार विधायक. वह शिवराज सरकार में मंत्री भी रहे. इस बार पार्टी ने उनको अपना स्टार प्रचारक भी बनाया है. लेकिन उनका टिकट काट दिया. नतीजतन कुसमरिया ने दो विधानसभा सीटों दमोह और पथरिया से बतौर निर्दलीय पर्चा दाखिल कर दिया. बीजेपी ने अपने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा को हेलीकॉप्टर देकर उन्हें मनाने भेजा, पर वे नहीं पसीजे.

वहीं मध्य प्रदेश में बीजेपी से टिकट नहीं मिलने के कारण नाराज पूर्व महापौर समीक्षा गुप्ता ने इस्तीफा दे दिया है. इस इस्तीफे के बाद लोग उनके ‘इस्तीफे’ को लेकर मजाक बना रहे हैं. दरअसल, समीक्षा अपने त्याग पत्र की भाषा को लेकर लोगों के निशाने पर हैं.

समीक्षा ने पार्टी छोड़ने के बाद कहा कि जो 15 साल से कछुए की तरह रेंग रहा है उसी को पार्टी बार-बार मौका दे रही है. उन्होंने जन दरबार लगाया और BJP से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान भी किया. जानकारी के मुताबिक समीक्षा गुप्ता ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह को इस्तीफा भेज दिया है.

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