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ज्वैलरी सेक्टर की मदद के लिए रूस से बॉन्ड के आधार पर सोने का आयात करने की योजना: प्रभु

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। वाणिज्य और उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा है कि सरकार रत्न और आभूषण निर्यातकों की मदद के लिए रूस से सोने का आयात करने का प्रस्ताव पेश कर रही है, बशर्ते वे मूल्यवर्धन के बाद पूरे माल को बाहर भेजने (निर्यात) के लिए सहमत हों।

बॉण्ड के आधार पर होने वाले आयात के अंतर्गत घरेलू उपयोग के लिए ड्यूटी फ्री माल के इस्तेमाल की अनुमति नहीं होगी और पूरे गोल्ड को वैल्यू एडिशन के बाद निर्यात किया जाएगा। इस योजना से विदेशी मुद्रा को बचाने में मदद मिलेगी और देश के आयात बिल में अमेरिकी डॉलर के मामले में कटौती की उम्मीद है। प्रभु ने अपना यह विचार सेंट पीटर्सबर्ग इंटरनेशनल इकोनॉमिक फोरम (एसपीआईईएफ) 2018 की हालिया यात्रा के दौरान रखा था।

उन्होंने बताया, “रूस में सोने के विशाल संसाधन हैं और हमारे पास भारत से आभूषण निर्यात की बड़ी संभावना है। यह एक श्रम आधारित सेक्टर है। सोने का आयात चालू खाता घाटा को प्रभावित करता है। इसलिए मैने उन्हें प्रस्तावित किया है कि हम बॉण्ड के आधार पर सोना रूस से आयात करेंगे। वो यहां आएगा लेकिन उसे आयातित नहीं माना जाएगा, इसका इस्तेमाल सिर्फ वैल्यू एडिशन के लिए किया जाएगा और फिर इसका निर्यात किया जाएगा।”

प्रभु ने कहा कि वो इस प्रस्ताव पर शीर्ष स्तर पर चर्चा करेंगे। भारत का गोल्ड इंपोर्ट वित्त वर्ष 2016-17 में 13.5 फीसद गिरकर 27.4 बिलियन डॉलर के स्तर पर आ गया था। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उपभोग्ता और आयातक देश है जहां पर ज्वैलरी इंडस्ट्री के लिए इसकी मांग ज्यादा रहती है।

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