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मध्य प्रदेश के क़र्ज़दार किसानों को बैंकों ने थमाया वसूली का नोटिस

कमलनाथ सरकार द्वारा किसानों की कर्जमाफी के लिए  जय किसान फसल ऋण माफी योजना शुरु की गई है, जिसके तहत दो लाख कर्ज वाले किसानों को शामिल किया था, जिनके खातों में 434 करोड़ रुपए पहुंचने थे लेकिन अभी तक किसानों के खातों में कर्जमाफी की राशि नहीं पहुंची है, हालांकि आचार संहिता से पहले किसानों के पास यह मैसेज पहुंच गया है कि कि अब लोकसभा चुनाव के बाद कर्जमाफी की जाएगी। वही  दूसरी तरफ बैंक ने किसानों को ब्याज सहित कर्ज की वसूली के नोटिस भेजना शुरु कर दिए है। मप्र के कई जिलों के कई किसानों को इस तरह के नोटिस भेजे गए है, जब  इस बारे में बैंक और सोसायटियां से बात की गई तो वे इंकार रहे है, लेकिन कई किसानों को इस तरह के नोटिस मिले है।

सरकार दावा कर रही है कि 24 लाख 84 हजार किसानों के खातों में कर्ज माफी की कार्रवाई की गई। अब तक 20 लाख किसानों का कर्ज माफ हो चुका है। वही दूसरी तरफ बैंक किसानों को ब्याज सहित कर्ज की वसूली के नोटिस भेज रहे हैं। हैरानी की बात तो ये है कि सरकार के दावे के बावजूद किसानों के खाते में राशि नही पहुंची है। खातों में पैसे नहीं पहुंचने के कारण किसानों को नो ड्यूज प्रमाण-पत्र भी नहीं मिल पा रहे हैं। बैंक के द्वारा वसूली नोटिस भेजने के बाद किसान सकते में आ गए और सरकार के प्रति उनका आक्रोश पनपने लगा है।

-किसान ने बताया

पिछले साल 50 हजार रुपए का कर्ज लिया था, जो अब ब्याज सहित 58 हजार रुपए से अधिक हो गया है। मैंने एक किश्त भी 6 हजार रुपए की जमा कर दी है, लेकिन अब बैंक से 52 हजार रुपए की वसूली का नोटिस आया है। जबकी सरकार ने 50  हजार से दो लाख तक का कर्जा माफ करने की बात कही है। गांव में कई किसानों को इस तरह के नोटिस भेजे गए है।

-किसान संतोष वर्मा, ग्राम निपानिया, सीहोर ,मप्र

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