आईसीआईसीआई करोड़ो वसूलेगी चंदा कोचर से
आईसीआईसीआई(ICICI) बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर की मुसीबत बढ़ गई है. बैंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने फ़ैसला किया है कि चंदा कोचर के बैंक से अलग होने को माना जाएगा यानी किसी वजह से नौकरी से निकाला जाना. इसका सीधा मतलब ये है कि उन्हें नौकरी से निकाला गया माना जाएगा. इसके बाद उन्हें मौजूदा और भविष्य में मिलने वाले सभी फ़ायदे बंद कर दिए जाएंगे चाहे वो बोनस हों, इनक्रीमेंट हों, स्टॉक ऑप्शन हों या मेडिकल बेनेफिट. यही नहीं अप्रैल 2009 से मार्च 2018 तक जो भी बोनस उन्हें दिए गए उन्हें वापस वसूला जाएगा. चंदा कोचर के मामले से जुड़ी जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्होंने बैंक को दिए गए सालाना घोषणाएं को बताने में ईमानदारी नहीं बरती. जो कि बैंक की अंदरूनी पॉलिसी, कोड ऑफ़ कंडक्ट और भारत के क़ानून के तहत ज़रूरी है.
चंदा कोचर पर मार्च 2018 में अपने पति को आर्थिक फायदा पहुंचाने के लिए अपने पद के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया था. उन्होंने न्यूपावर रिन्यूएबल्स नामक कंपनी को 3250 करोड़ रुपये का 2012 में कर्ज दिलाया, जिसका मालिकाना चंदा कोचर के पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन के मालिक वेणुगोपाल धूत के पास है.धूत ने बयान दिया था कि जब बैंक से कंपनी को लोन मिला उस समय चंदा कोचर लोन अप्रूव करने वाली कमेटी की सदस्य मात्र थीं और वे उसके सभी सदस्यों को जानते हैं. इस पूरे विवाद का कारण चंदा कोचर के पति दीपक कोचर हैं. इस कर्ज को बाद में एनपीए में तब्दील कर दिया गया था.जांच के दौरान एजेंसी ने वीडियोकॉन कंपनी के मुंबई-औरंगाबाद स्थित दफ्तरों और दीपक कोचर के ठिकानों पर छापे भी मारे थे.