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अयोध्या की विवादित भूमि का फैसला 9 नवंबर को

दिल्ली। अयोध्या की विवादित भूमि पर सुप्रीम कोर्ट की 5 सदस्यीय संविधान पीठ 9 नवंबर शनिवार 2019 को अपना फैसला सुनाएगी। कोर्ट में सभी तैयारिया हो गई है। कोर्ट खुलने के वक्त से सबसे पहले 5 सदस्यीय संविधान पीठ अयोध्या की विवादित भूमि पर फैसला सुना सकती है। अयोध्या भूमि विवाद के फैसले के मद्देनजर पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए है। साथ ही लोगो को भी इस मामले को लेकर अफवाहों से सावधान रहने की अपील की है।

जानकारी के अनुसार फैसला सुनाने से पहले सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव आरके तिवारी, डीजीपी ओमप्रकाश सिंह समेत कई वरिष्ठ अफसरों से मिलकर सुरक्षा मामले पर बातचीत की है। अधिकारियों ने अश्वस्वत किया है कि सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए है। सभी जगहों पर नजर रखी जा रही है। संदिग्धों को पकडने का काम पुलिस अपने स्तर कर रही है।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट की 5 सदस्यीय संविधान पीठ ने 40 दिन तक दोनों पक्षों की तरफ से उनके वकीलों की दलीलें सुनने बाद 16 अक्टूबर को सुनवाई पूरी फैसला सुराक्षित किया था। चुंकि संविधान पीठ की अध्यक्षता कर रहे चीफ जस्टिस रंजन गोगोई 17 नवंबर को रिटायर हो रहें है,इसलिए 17 नवंबर से पहले इस मामले में फैसला सुनाए जाना है।

-2010 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिया था फैसला

2010 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि अयोध्या का 2.77 एकड़ का क्षेत्र तीन हिस्सों में समान बांट दिया जाए। एक हिस्सा सुन्नी वक्फ बोर्ड, दूसरा निर्मोही अखाड़ा और तीसरा रामलला विराजमान को मिले। हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 14 याचिकाएं दाखिल की गई थीं। उसके बाद से ही सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई चल रही है। लगभग 9 साल बाद कोर्ट फैसला सुना रहा है।

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