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मध्य प्रदेश: 3 बार से लगातार मुख्यमंत्री बन रहे हैं शिवराज, इस बार ‘जादू’ का सहारा

मध्यप्रदेश में 15 वर्षों का काम बताने के लिए शिवराज सरकार जादूगरों का सहारा लेगी जिससे चौथी बार सत्ता हासिल की जा सके. चुनाव प्रचार में ताकत झोंकने बाद भी बीजेपी को लग रहा है कि पब्लिक में उत्साह नहीं आ पा रहा है. हालांकि शुरुआती दिनों में ऐसा होना स्वाभाविक है लेकिन भाजपा चाहती है कि कोई ऐसा तरीका इजाद किया जाए जिससे पब्लिक को जानकारी भी मिले और उसका मनोरंजन भी हो.

यह कुछ अलग होगा लेकिन क्या होगा, इस पर भाजपा का कहना है कि यह रितिक रोशन के ‘कोई मिल गया’ जैसा नहीं होगा लेकिन कुछ अलग होगा. मध्य प्रदेश भाजपा ने इसकी पुष्टि की है कि चुनावों में जादूगरों की मदद लेने का फैसला किया गया है. इनके मैजिक शो कराए जाएंगे लेकिन उन्हें क्या जिम्मेदारी दी जाए इस पर विचार किया जा रहा है.

जादूगर बताएंगे कांग्रेस से किस तरह अलग है बीजेपी सरकार

मध्य प्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि जादूगर यह बताएंगे कि 15 वर्षों में भाजपा सरकार ने कितना काम किया है और वह कांग्रेस की पूर्ववती सरकार से किस तरह अलग है. उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रचार के लिए पार्टी जादूगरों को बुलाएगी. रिपोर्ट्स के मुताबिक पार्टी बाजारों में मैजिक शो आयोजित करेगी जिससे अधिक से अधिक लोगों तक अपनी बात पहुंचाई जा सके. इसमें ग्रामीण और छोटे शहरी इलाकों पर फोकस किया जाएगा.

आखिर जादूगरों के सहारे क्यों?

क्या राजनैतिक रैलियां और सोशल मीडिया पर चलाए जा रहे कैंपेन पर्याप्त नहीं हैं? जादूगर और जादू शो क्यों? इस पर भाजपा प्रवक्ता का कहना है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर बड़ा दांव लगा हुआ है. वह 15 साल से सरकार चला रहे हैं. उन्हें एंटी इनकैम्बैसी फैक्टर का भी सामना करना पड़ रहा है. भाजपा कोई रिस्क नहीं ले सकती.

जल्द शुरू होंगे मैजिक शो

प्रवक्ता ने बताया कि जादू के शो जल्द ही शुरू किए जाएंगे इसके लिए बजट बनाया जा रहा है. इस शो के माध्यम से जादूगर यह भी बताएंगे कि कांग्रेस के 10 साल के कार्यकाल में मध्य प्रदेश के कितने बुरे हालात थे, 1993 से 2003 तक जब दिग्विजय सिंह मुख्यमंत्री थे तो सड़कों, बिजली और बेसिक सुविधाओं की क्या स्थित थी.

मध्य प्रदेश में नवंबर में विधानसभा चुनावों के लिए वोटिंग होनी है। तमाम सर्वे में बताया जा रहा है कि इस बार शिवराज की राह आसान नहीं है. लोकसभा चुनावों से पहले विधानसभा के चुनाव पार्टियों के लिए टेस्ट माने जा रहे हैं. भाजपा राजस्थान, मध्य प्रदेश और छ्त्तीगढ़ में अपनी सरकार बचाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है.

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