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छत्तीसगढ़ः अपने वादे से फिर पलटे अजीत जोगी, तीसरी बार लिया यू-टर्न

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने तीसरी बार यू-टर्न लिया है. जोगी अब अपनी परंपरागत मरवाही विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे. जोगी कांग्रेस के नेताओं ने इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है. फिलहाल, मरवाही विधानसभा सीट से उनके पुत्र अमित जोगी बतौर कांग्रेस विधायक काबिज हैं.

हालांकि कांग्रेस ने उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते अरसे पहले ही निष्कासित कर दिया था. अमित जोगी वर्तमान में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रमुख कर्ता-धर्ता हैं. वो मरवाही सीट छोड़ मनेंद्रगढ़ विधानसभा सीट से जोगी पार्टी के उम्मीदवार होंगे.

इससे पहले जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के सुप्रीमो अजीत जोगी ने वादा किया था कि वो मुख्यमंत्री रमन सिंह के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ेंगे. रमन सिंह जिस भी विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनेंगे, वे भी उसी सीट से उन्हें चुनौती देंगे.

लेकिन जैसी ही राज्य में चुनाव के पहले दौर की नामांकन प्रक्रिया शुरू हुई तो अजीत जोगी अपने वादे से मुकर गए. उन्होंने 90 विधानसभा सीटों में चुनाव प्रचार करने का हवाला देकर चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया. इस इंकारनामे के दो दिन बाद एक बार फिर अजीत जोगी अपने फैसले से पीछे हट गए.

उन्होंने मरवाही विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया. उनके पुत्र अमित जोगी के मुताबिक मरवाही विधानसभा सीट से कई महत्वपूर्ण कार्यकर्ताओं ने अजीत जोगी को अपना कमियां अर्थात सेवक बताया. उन्होंने कहा कि उन्हें मरवाही में प्रचार के लिए नहीं आना पड़ेगा क्योंकि वो कमियां है कोई प्रत्याशी नहीं. उन्हें रिकॉर्ड तोड़ बहुमत से जिताना मरवाही की जनता का काम है.

रमन के खिलाफ अटल की भतीजी

उधर, अजीत जोगी के अचानक पाला बदल लेने से मुख्यमंत्री रमन सिंह को चुनौती देने के लिए कांग्रेस ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी करुणा शुक्ला को तैयार किया है. उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी बनाए जाने के लिए स्क्रीनिंग कमेटी ने अपनी सिफारिश कांग्रेस आलाकमान से की है.

हालांकि इस सीट से वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मोतीलाल वोरा और दुर्ग से एकमात्र कांग्रेसी सांसद ताम्रध्वज साहू के नाम पर भी विचार किया गया. लेकिन दोनों ही नेताओं ने विधानसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया. इसके बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने करुणा शुक्ला के नाम पर अपनी मुहर लगाईं. फिलहाल बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों की निगाहें अजीत जोगी के अगले कदम पर टिकी हुई है.

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में जनता कांग्रेस और बीएसपी के बीच पहले हुए गठबंधन के अनुसार जनता कांग्रेस को 55 सीटों और बीएसपी को 35 सीटों पर चुनाव लड़ना था, लेकिन इस दौरान भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) भी इस गठबंधन में शामिल हो गई जिसके बाद बीएसपी ने सीपीआई को दो सीटें देने का वादा कर डाला.

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