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आखिर 6 महीने में ऐसा क्या हो गया निजाम ,जो बत्ती गुल होने लगी

        (अमित कुईया)

6 माह पहले प्रदेश में सल्तनत औऱ निजाम दोनों बदल गए।खैर यह राजनीतिक घटनाक्रम है,लेकिन अचानक बत्ती गुल व्यवस्था से सरकार के माथे पर एक कलंक जरूर लग गया है।मध्यप्रदेश में 13 साल की शिवराज सरकार में बिजली व्यवस्था सुचारू रही।इससे पहले प्रदेश बिजली की आंख मिचौली से लगातार परेशान रहा और उस समय बेपटरी हुई बिजली व्यवस्था के कारण ही तत्कालीन दिग्विजय सिंह की सरकार का तख्ता पलट हुआ।यह चिंतन का बड़ा कारण बन गया है कि आखिर अचानक सुचारू बिजली व्यवस्था नई सरकार के गठन के बाद अचानक बदहाल क्यो हो रही है?यह सवाल सरकार को जितना कौंध रहा है,उतना ही आमजन भी समझ नही पा रहा है।लगातार अघोषित बिजली कटौती का क्रम पूरे प्रदेश में पसर गया है।ग्वालियर हो भोपाल हो या फिर प्रदेश का कोना ।सभी जगह बेपटरी बिजली व्यवस्था को लेकर आक्रोश है और सोशल मीडिया पर सरकार की जमकर किरकिरी हो रही है।
मुख्यमंत्री कमलनाथ भी करंट मारती इस बिजली व्यवस्था से नाखुश है।हाल ही में बिगड़ी बिजली व्यवस्था में सुधार की नीयत से मंत्रालय में विभागीय अधिकारियों की बैठक ली गई।इस समीक्षा बैठक में व्यवस्था में सुधार के निर्देश के साथ मुख्यमंत्री ने चेतावनी भी अफसरों को दी,लेकिन व्यवस्थाओ में कोई खास परिवर्तन नही आ पाया।इन दिनों बिजली के विभागीय महकमे में रोजाना यह खबर निकल कर सामने आ रही है,कि इतने अधिकारी निलंबित कर दिए गए।
अधिकारियों का निलंबन बिजली व्यवस्था को पटरी पर ला पाए ,यह ज्यादा मुमकिन नही दिख रहा है।ऐसा इसलिए कि विगत 6 माहीने में प्रदेश में अब तक बड़ी संख्या में विभागीय अधिकारियों के निलंबन की जानकारी लगातार बनी हुई है।इन स्थितियों के बाद भी बिजली ने करंट मारना कम नही किया ।
हाल ही में विभागीय महकमे से एक पत्र निकालकर पिछले दिनों सामने आया।यह पत्र हास्यपद ज्यादा था।दरअसल,इस पत्र में विभागीय अधिकारियों ने प्रदेश में बत्ती गुल होने के पीछे का कारण स्पष्ठ करते हुए मुख्यसचिव को बताया कि पूर्व शिवराज सरकार में घटिया उपकरण खरीदे गए थे,इसलिए प्रदेश में बिजली व्यवस्था प्रभावित हो रही है।यह पत्र हास्यपद होने के साथ ही दबाब में दिया हुआ ज्यादा प्रतीत हो रहा था।प्रदेश में लगातार 13 साल की शिवराज सरकार में बिजली व्यवस्था इतनी सुचारू थी,तो क्या फिर घटिया उपकरण के बल पर चल रही थी।यह सवाल बड़ा है और सामयिक ज्वलंत भी।
बिजली व्यवस्था में जिस तरह गड़बड़ी आई है।उसके पीछे कारण कुछ अलग ही है।बेहतर होगा कि नए निजाम बिजली व्यवस्था को लेकर प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियो की एक मॉनिटरिंग कमेटी का गठन कर कारणों को तलाशे।प्रदेश में बिजली उत्पादन सरप्लस है।संसाधन भी भरपूर है।फिर अचानक बिजली क्यो करंट मार रही है।इसका जबाब हर कोई चाहता है!

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