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रियासी हमले का चश्मदीद बोला-खाई में गिरे इसलिए जिंदा हैं

नई दिल्ली।
जम्मू-कश्मीर के रियासी में 9 जून को एक बस पर आतंकी हमला हुआ था। स्थानीय लोगों की मदद से पुलिस ने यात्रियों को बाहर निकाला। मौके से गोलियों के खोखे मिले थे।
जम्मू-कश्मीर के रियासी आतंकी हमले में घायल हुए मेरठ के प्रदीप कुमार ने घटना को लेकर नए खुलासे किए हैं। उन्होंने मंगलवार (11 जून) को कहा- भगवान का शुक्र है कि हमले के बाद हमारी बस खाई में गिर गई।

अगर बस खाई में नहीं गिरती तो आतंकी हम सभी को मार डालते। खाई में गिरने से हम जिंदा बच गए। हालांकि, खाई में गिरने के बाद भी आतंकी गोली चला रहे थे। जब तक सभी यात्रियों की चीख बंद नहीं हुई, तब तक गोलीबारी जारी रही।

दरअसल, 9 जून को पीएम मोदी के शपथ ग्रहण से एक घंटा पहले जम्मू-कश्मीर में शिव खोड़ी से कटरा जा रही बस पर 2 आतंकियों ने गोलीबारी की। ड्राइवर को गोली लगने पर 53 सीटर बस खाई में गिर गई।

घटना में 9 लोगों की मौत हुई और 41 लोग घायल हुए। सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी कर सर्च ऑपरेशन चलाया, लेकिन कोई संदिग्ध नहीं मिला। प्रदीप इसी बस में सवार थे। उन्होंने कहा कि आतंकी सेना जैसी वर्दी पहनकर आए थे।

हमले में मारे गए लोगों के शव घटनास्थल पर बिखरे पड़े थे। स्थानीय लोगों ने घायलों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया था।
हमले में मारे गए लोगों के शव घटनास्थल पर बिखरे पड़े थे। स्थानीय लोगों ने घायलों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया था।
चश्मदीद बोला- नींद खुली तब बस खाई में गिर रही थी
घायल प्रदीप ने कहा कि बस शिव खोड़ी मंदिर से निकली ही थी। लोग वैष्णो देवी की ट्रैकिंग के बाद थक गए थे। कई यात्रियों की नींद लग गई थी। मैं भी सो गया था। बस घाटी पर चढ़ रही थी। इसलिए स्पीड धीरे थी। शाम करीब 6 बजे अचानक गोलियों की आवाज आई।

सामने बैठे लोग चिल्लाने लगे। मेरी नींद खुली, तब बस खाई से नीचे जा रही थी। मुझे लगातार गोलियों की आवाज आ रही थी। बस एक पेड़ और छोटे पहाड़ के बीच में फंस गई। इसके बाद रोड से गुजर रहे लोगों ने पुलिस को सूचना दी और रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। अगर हम मरने की एक्टिंग नहीं करते तो शायद आज जिंदा नहीं होते।

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