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मुख्यमंत्री यादव ने अफसर से कहा कानून में शक्ति लाइन

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कानून-व्यवस्था और जन कल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर शुक्रवार को कलेक्टर और एसपी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक की।

मुख्यमंत्री ने साफ शब्दों में कहा कि जिलों में कानून-व्यवस्था की स्थिति आदर्श होनी चाहिए, इसके लिए कलेक्टर और एसपी व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे। अगर किसी जिले से गड़बड़ी या अनियमितता की शिकायतें मिलती हैं, तो दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी, चाहे वे उच्चाधिकारी ही क्यों न हों।

मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में 22,000 थानों की सीमाओं में आवश्यक परिवर्तन किए गए हैं। जनकल्याण की दृष्टि से जिलों के पुनर्गठन के लिए राज्य शासन ने आयोग का गठन किया है।

इसमें कलेक्टर और जनप्रतिनिधियों को आवश्यक सुझाव देने के लिए कहा गया है। आगामी समय में महिलाओं को एक-तिहाई आरक्षण और आबादी के अनुपात में प्रतिनिधित्व देने जैसे निर्णय लागू किए जाएंगे। इस दृष्टि से प्रशासनिक कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी।

खाद वितरण और कालाबाजारी पर विशेष ध्यान

मुख्यमंत्री ने किसानों को समय पर खाद उपलब्ध कराने और कालाबाजारी करने वालों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिन जिलों से खाद वितरण में गड़बड़ी की शिकायतें आएंगी, वहां दोषी अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा।

मुख्यमंत्री ने खाद वितरण केंद्रों में उचित व्यवस्था कर किसानों को खाद उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।
खाद की उपलब्धता और वितरण की जानकारी प्रेस नोट और सोशल मीडिया के माध्यम से साझा करने की बात कही।
नैनो यूरिया के उपयोग और ड्रोन से इसके छिड़काव के लिए किसानों को जागरूक करें।
कस्टम हायरिंग सेंटरों और कृषि सेवा केंद्रों में ड्रोन उपलब्ध कराएं।
नरवाई जलाने पर रोक और ड्रोन तकनीक का उपयोग

नरवाई (पराली) प्रबंधन के लिए सिवनी जिले के प्रयासों की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने अन्य जिलों को भी इस मॉडल को अपनाने की सलाह दी।

उन्होंने कहा कि किसानों को जागरूक करने के लिए नरवाई रथ चलाए जाएं और ड्रोन तकनीक के उपयोग को बढ़ावा दिया जाए। ड्रोन से यूरिया छिड़काव से सामग्री की बचत होगी और यह अधिक प्रभावी होगा।

कानून-व्यवस्था पर सख्ती

मुख्यमंत्री ने कहा कि त्योहारों के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने और नशे के कारोबार पर रोक लगाने के लिए कलेक्टर और एसपी विशेष ध्यान दें। परीक्षा के दौरान ध्वनि विस्तारक यंत्रों पर नियंत्रण के भी निर्देश दिए गए।

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