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इस्लामिक स्कॉलर कॉन्फ्रेन्स में चौंकाने वाले अंदाज में नजर आए PM मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को दिल्ली में इस्लामिक स्कॉलर कॉन्फ्रेंस में अलग अंदाज में दिखे. इस कार्यक्रम में जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला द्वितीय बिन अल हुसैन समेत दोनों देशों के कई इस्लामिक नेता और विद्वान मौजूद थे.

यहां पर मोदी का संबोधन उनके दूसरे संबोधनों से बिल्कुल अलग तरह का था. पढ़िए, मोदी ने कैसे 15 मौकों पर दुनिया को अपने अलग अंदाज से रूबरू करवाया.

1- भारत के जनमानस में यह अहसास भरा हुआ है कि सबमें एक ही रोशनी का नूर है. जर्रे-जर्रे में उसी एक की झलक है.

2- भारत की राजधानी दिल्ली सूफियाना कलामों की सरजमीं रही है. एक बहुत अजीम सूफी संत हजरत निजामुद्दीन औलिया, जिनका जिक्र हमारे यहां स्वाभाविक तौर पर किया जाता है, उनकी दरगाह यहां से कुछ ही दूरी पर है.

3- दिल्ली का नाम दहलीज शब्द से निकला है. गंगा-जमुना के दोआब की यह जमीन भारत की गंगा-जमुनी संस्कृति का प्रवेश द्वार है.

4- भारतीय कोई जुबान बोलता हो, चाहे मंदिर में दिया जलाता हो या मंदिर में सजदा करता हो, चाहे चर्च में प्रार्थना करे या गुरुद्वारे में सबद गाए, उसे अपनी विरासत की विविधता पर और विविधता की विरासत पर गर्व है.

5- अभी भारत में होली का रंग भरा त्योहार मनाया जा रहा है. कुछ ही दिन पहले बौद्ध नववर्ष शुरू हुआ है. इस माह के अंत में गुड फ्राइडे और कुछ हफ्ते बाद सारा देश बुद्ध जयंती मनाएगा. फिर कुछ ही समय बाद रमजान का पवित्र महीना होगा, जिसके अंत में ईदुल फितर है.

6- हमारे मजहबों का पैगाम और उसूल वह ताकत हैं, जिनके दम पर हम हिंसा और दहशतगर्दी से पार पा सकते हैं.

7- इंसानियत के खिलाफ दरिंदगी का हमला करने वाले शायद यह नहीं समझते कि नुकसान उस मजहब का होता है, जिसके लिए खड़े होने का वे दावा करते हैं.

8- सारे मुल्क की तकदीर, हर शहरी की तकदीर से जुड़ी है. मुल्क की खुशहाली से हर एक की खुशहाली बावस्ता है.

9- हजरात आपकी इतनी बड़ी तादाद में यहां मौजूदगी इस बात का संकेत है कि आने वाली पीढ़ियों को रास्ता दिखाने के लिए आपके मन में कितनी ललक है, कितना जज्बा है. यह इस बात का भी प्रतीक है कि आपके जेहन में युवाओं की तरक्की ही नहीं है, बल्कि इंसानी उसूलों की तालीम पर तवज्जो देना भी है.

10- पूरी खुशहाली तभी संभव है, जब आप यह देखें कि मुस्लिम युवाओं के एक हाथ में कुरान शरीफ है तो दूसरे हाथ में कंप्यूटर है. किसी भी मजहब का मर्म अमानवीय हो ही नहीं सकता.

11- योर मैजेस्टी (जॉर्डन किंग), आपकी निगरानी में डिरैडिकलाइजेशन के लिए जो कदम उठाए जा रहे हैं, वे दरिंदगी की आग पर काबू पाने में बहुत अहम हैं.

12- डिरैडिकलाइजेशन पर जॉर्डन ने जो काम किया है, भारत उसके हर कदम पर साथ है. इतनी बड़ी तादाद में भारत के उलेमा, धार्मिक विद्वान, इस्लामिक स्कॉलर इस बात का यकीन दिलाने के लिए यहां पर मौजूद हैं.

13- ये लोग यहां आपके (जॉर्डन किंग) ख्यालात को सुनने आए हैं, क्योंकि आपकी रहबरी में हमें हौसला भी मिलेगा और दिशा भी मिलेगी.

14- मैं आपका शुक्रगुजार हूं कि आने यहां आने का न्यौता कुबूल फरमाया.

15- हजरात इस जलसे में शिरकत के लिए मैं आपका भी बहुत शुक्रिया अदा करता हूं.

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