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दिल्ली में CNG पंप की ठगी, 2.39 करोड़ की धोखाधड़ी करने वाले 3 आरोपी गिरफ्तार

दिल्ली में CNG पंप दिलवाने के नाम पर एक शख्स से हुई 2.39 करोड़ रुपये की ठगी का पुलिस ने पर्दाफाश किया है। फर्जीवाड़ा करने वाले तीन लोगों को स्पेशल सेल की इंटेलिजेंट फ्यूजन स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (आईएफएसओ) टीम ने गिरफ्तार किया है। आरोपी अमित कुमार पांडे (41), अमरेंद्र कुमार (47) और अमर सिंह (62) के पास से दो मोबाइल फोन, सिम कार्ड, फर्जी आईजीएल पत्र, एनओसी, चालान, एरिया ब्लॉकिंग फीस प्रमाण पत्र आदि दस्तावेज बरामद हुए हैं। आरोपियों ने पीड़ित से फर्जी बैंक खातों में 1.79 करोड़ रुपये और नकद में 60 लाख रुपये ट्रांसफर कराए थे।

फर्जी दस्तावेजों के आधार पर IGL से सत्यापन
डीसीपी आईएफएसओ यूनिट डॉ. हेमंत तिवारी ने बताया, बीती 27 मार्च को एक शिकायकर्ता ने आईएफएसओ यूनिट से संपर्क कर उन्हें एक शिकायत दी थी। शिकायत में बताया गया था कि कुछ लोगों ने उनके साथ 2.39 करोड़ की धोखाधड़ी की है। आरोपियों ने उन्हें उनकी जगह पर CNG पंप लगवाने का वादा कर वारदात को अंजाम दिया था। साल 2021 में, पेट्रोल/CNG पंप आवंटन प्रक्रिया के बारे में ऑनलाइन जानकारी लेने के दौरान, उनसे दो आरोपियों अमरेंद्र और अमित पांडे ने संपर्क किया, जिन्होंने खुद को इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (IGL) का कोर्डिनेटर और एजेंट बताया।

इस्तेमाल किए फर्जी सिम कार्ड
पुलिस ने मामले में केस दर्ज कर छानबीन शुरू की। जिन बैंक खातों में रकम ली गई थी उनकी जानकारी निकलवाई गई। आरोपियों ने पंजीकरण और आवंटन के जिन दस्तावेजों को IGL से सत्यापित किया था, वे फर्जी पाए गए। इसके बाद टीम ने तकनीकी निगरानी के विस्तृत विश्लेषण के माध्यम से, टीम ने आरोपियों की जगह का पता लगाया। फिर अमित कुमार पांडे, अमरेंद्र कुमार और अमर सिंह को गिरफ्तार किया। पहचान से बचने के लिए, आरोपी अन्य लोगों के नाम पर जारी किए गए सिम कार्डों का इस्तेमाल कर रहे थे।

मीडिएटर के रूप में ठगी
उन्होंने शिकायतकर्ता को दस्तावेज़ भेजने के लिए फर्जी ईमेल आईडी भी बनाई थी अमित पांडे को मास्टरमाइंड के रूप में पहचाना गया, जिसने फर्जी पंजीकरण और आवंटन दस्तावेज़ बनाए थे। जबकि अमरेंद्र कुमार ने शिकायतकर्ता से रकम ली थी। अमर सिंह, पेट्रोलियम मिनिस्ट्री के पूर्व कर्मचारी थे। वह एक मीडिएटर के रूप में काम कर रहा था। जब इन्हें पता चला कि पीड़ित को अपनी जगह पर CNG पंप लगवाना है तो उन्होंने जाल बिछाया। पुलिस आरोपियों के साथ जुड़े उनके अन्य साथियों का पता लगा रही है।

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