14 हिरासत में: कालिंदी एक्सप्रेस को धमाके के साथ उड़ाने और ट्रेन को जलाने का था प्लान
कानपुर। बिल्हौर के पास कानपुर-कासगंज रेलवे ट्रैक पर रखे गए एलपीजी सिलेंडर, माचिस और पेट्रोल से भरी बोतलों ने रेलवे के साथ-साथ यात्रियों की भी चिंता बढ़ा दी है। इस मामले की जांच एजेंसियां कर रही हैं। कई ऐसे सुराग हाथ लगे हैं जो चिंताजनक हैं। अब तक की जांच में सामने आया है कि ट्रैक उड़ाने और ट्रेन में आग लगाने का षड्यंत्र रचा गया था। पुलिस सूत्र आंतकी षड्यंत्र की संभावना से इन्कार नहीं कर रहे। आरपीएफ भी इसी दिशा में जांच कर रही है। घटना के समय पास में ही स्थित मजार में कुछ लोग मौजूद थे। एटीएस और आइबी की टीमों के साथ ही सोमवार को एनआइए की टीम ने भी पड़ताल की।
एटीएस के आइजी नीलाब्जा चौधरी ने निरीक्षण किया। रेलवे ने शिवराजपुर थाने में षड्यंत्र की आशंका जताते हुए अज्ञात पर मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस ने जांच के लिए छह टीमें गठित की हैं। अब तक करीब 14 लोगों को हिरासत में लिया है। इनमें चार को एटीएस ने लखनऊ से पकड़ा है। इन्हें जमाती बताया जा रहा है।घटनास्थल के पास मिला झोला और मिठाई का डिब्बा कन्नौज के छिबरामऊ की दुकान का है। पुलिस ने दुकान संचालक से पूछताछ की और वहां लगे कैमरों का डिजिटल वीडियो रिकार्डर (डीवीआर) कब्जे में ले लिया है। डीसीपी पश्चिम राजेश कुमार सिंह ने बताया कि जिस तरह से भरा हुआ सिलेंडर ट्रैक के बीचो-बीच रखा गया था उससे किसी साजिश से इन्कार नहीं किया जा सकता। जांच टीमों को जनपद के बाहर जाकर छापेमारी अन्य सबूत एकत्र करने की जिम्मेदारी दी गई है।सर्विलांस और स्वाट की टीमें भी पड़ताल कर रही हैं। आसपास के गांवों में आपराधिक तत्वों की पहचान के लिए एडीसीपी एलआइयू के नेतृत्व में एक टीम लगाई गई है। मुड़ेरी क्रासिंग के पास से ही कानपुर-अलीगढ़ हाईवे निकला है और वहां स्थित निवादा टोल प्लाजा का डीवीआर भी खंगाला जा रहा है। डीसीपी ने बताया कि मौके से मिला झोला और मिठाई का डिब्बा कन्नौज के छिबरामऊ स्थित सियाराम स्वीट्स का है। सीसी कैमरा से पता लगाने की कोशिश की जा रही है पिछले एक-दो दिनों में किसने वहां से मिठाई खरीदी है। माचिस सुपर टेडी कंपनी की है। शुरुआती जांच में पाया गया है कि शिवराजपुर में इस ब्रांड की माचिस प्रयोग में लाई जाती है।
डीसीपी ने बताया कि क्रासिंग के पास स्थित मजार में बड़ी संख्या में जमाती आते हैं। उनके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। क्षेत्र के तीन हिस्ट्रीशीटरों से भी पूछताछ की जा रही है। डाग स्क्वाड ने पड़ताल की है। एटीएस के आइजी नीलाब्जा चौधरी ने बताया कि घटना गंभीर है, जांच की जा रही है। कन्नौज के आरपीएफ थाना प्रभारी ओमप्रकाश मीणा ने बताया कि जिस तरह का सामान घटनास्थल पर मिला है उससे आशंका है कि ट्रैक को उड़ाने और ट्रेन में आग लगाने की साजिश थी। इससे पहले 16 अगस्त की रात कानपुर-झांसी रूट पर पनकी के पास साबरमती एक्सप्रेस पलटाने का षड्यंत्र किया गया था।24 अगस्त की रात फर्रुखाबाद में ट्रैक पर लकड़ी का बोटा रखा गया था जिससे पैसेंजर ट्रेन का इंजन टकरा गया था। रविवार रात कालिंदी एक्सप्रेस (14117) 7;24 बजे कानपुर सेंट्रल से हरियाणा के भिवानी के लिए निकली।
इमरजेंसी ब्रेक लगाकर रोकी ट्रेन
बिल्हौर से 17 किलोमीटर पहले 8:25 बजे मुड़ेरी क्रासिंग पार करते ही ट्रेन रेलवे ट्रैक पर रखे एलपीजी सिलेंडर से टकरा गई। तेज धमाका होने के बाद लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन रोक दी। करीब 100 किमी रफ्तार से चल रही ट्रेन से टक्कर लगाने के बाद सिलेंडर 50 मीटर आगे ट्रैक के किनारे जाकर गिरा। सिलेंडर कई जगह से पिचक गया और ट्रैक के स्लीपर पर रगड़ के निशान मिले हैं। घटनास्थल पर पेट्रोल बम, झोले में मिठाई के डिब्बे में बारूद जैसा पाउडर और माचिस मिली है। पाउडर अमोनियम नाइट्रेट की तरह लग रहा है। यह विस्फोट करने के काम आता है। घटना में कोई नुकसान नहीं हुआ है और 25 मिनट बाद ट्रेन रवाना कर दी गई थी।