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हुड्डा के लिए हरियाणा के सीएम पद की राह मुश्किल, सिरसा से सांसद कुमारी शैलजा ने पेश की दावेदारी

हिसार ।  कांग्रेस महासचिव कुमारी सैलजा ने हरियाणा विधानसभा चुनाव से कुछ हफ्ते पहले मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी पेश करते हुए शुक्रवार को कहा कि हर समुदाय या व्यक्ति की महत्वाकांक्षा होती है और (उनकी) क्यों नहीं हो सकती। उन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ने की अपनी इच्छा का भी संकेत दिया और कहा कि वह राज्य में काम करने की इच्छुक हैं, लेकिन इस बारे में अंतिम फैसला कांग्रेस आलाकमान को करना है। हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी की पूर्व अध्यक्ष और सिरसा से लोकसभा सदस्य ने राज्य में कांग्रेस के भीतर गुटबाजी को लेकर कहा कि हर संगठन में लोगों की महत्वाकांक्षा और व्यक्तिगत स्थान के लिए जद्दोजहद होती है, लेकिन टिकट वितरण के साथ ही सभी जमीन पर उतरकर पार्टी के लिए काम करते हैं।

कांग्रेस की तरफ से दलित समुदाय के किसी व्यक्ति को मुख्यमंत्री पद का मौका मिलना चाहिए इस सवाल पर सैलजा ने कहा कि लोकसभा चुनाव के नतीजे आए। हमें विश्वास है कि विधानसभा चुनाव में बहुत अच्छे नतीजे आएंगे और (कांग्रेस की) सरकार बनेगी। हमारे देश में जाति एक वास्तविकता है। सबकी उम्मीदें भी होती हैं, चाहे व्यक्तिगत रूप से हों या सामुदायिक रूप से, यह होता है। सैलजा ने कहा कि अनुसूचित जाति समुदाय का अधिकतर वोट कांग्रेस की तरफ गया है और यह समुदाय कांग्रेस का आधार रहा है। सैलजा ने कहा कि उम्मीदें होती हैं। अगर कोई समुदाय या कोई भी, अपने आपको मुख्यमंत्री के रूप में पेश करता है और उम्मीद करता है, तो आज के दिन जागरूकता बढ़ चुकी है, एससी समुदाय क्यों नहीं? इतना विश्वास होना चाहिए कि हम भी खड़े होकर कहें कि हम क्यों नहीं? क्या मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल हैं, पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जैसा कि मैंने कहा कि व्यक्तिगत तौर पर और समुदाय के स्तर पर लोगों की महत्वाकांक्षाएं होती हैं।

इससे पहले, मुख्यमंत्री पद के चेहरे से जुड़े सवाल पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने गत 13 अगस्त को कहा था कि वह न तो ‘टायर्ड’ हैं और न ही ‘रिटायर्ड’ हैं, लेकिन पार्टी को बहुमत मिलने पर आलाकमान मुख्यमंत्री के बारे में फैसला करेगा। इस सवाल पर कि क्या वह विधानसभा चुनाव लड़ेंगी, सैलजा ने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले भी मैंने कहा था कि केंद्र की राजनीति काफी कर ली है, तो इस बार राज्य में जाकर काम करें। एक सच्चाई है कि लोगों के काम राज्य से ज्यादा संबंधित रहते हैं। राज्य में जाकर काम करना है, यह मेरी इच्छा है। अंतिम फैसला आलाकमान ही करेगा, लेकिन इच्छा है।

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