राष्ट्रीय

आतंकवादी गतिविधियों से असम में निवेश और रोजगार के क्षेत्र प्रभावित होंगे – हिमंत बिस्वा सरमा

गुवाहाटी । असम के मुख्यमंत्री असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने प्रतिबंधित यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम-इंडिपेंडेंट (उल्फा-आई) से अपनी आतंकवादी गतिविधियां रोकने की अपील की। उन्होंने कहा कि इससे राज्य में निवेश और रोजगार के क्षेत्र प्रभावित होंगे। मुख्यमंत्री हाल ही में उल्फा-आई द्वारा दी गई बम विस्फोट की धमकियों के बारे में बात कर रहे थे। उन्होंने बताया कि इस तरह की हरकतों से टाटा समूह की सेमीकंडक्टर बनाने वाली फैसिलिटी पर प्रभाव पड़ सकता है।
ज्ञात रहे कि असम के जगीरोड में 27,000 करोड़ रुपये की लागत से टाटा समूह द्वारा सेमीकंडक्टर असेंबली एंड टेस्ट फैसिलिटी स्थापित की जा रही है। इससे लगभग 27,000 प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है। सीएम ने कहा, अगर जगीरोड में बम फट जाता तो टाटा का प्लांट नष्ट हो जाता। टाटा समूह संसाधनों की उपलब्धता के कारण असम में प्लांट लगाने नहीं आया, बल्कि पूर्वोत्तर में उद्योग लगाने की प्रधानमंत्री की अपील का समर्थन करने आया है।
प्रतिबंधित उल्फा-आई ने स्वतंत्रता दिवस पर गुवाहाटी सहित असम में कई स्थानों पर 24 बम जैसे डिवाइस लगाए थे। संगठन ने कहा कि डिवाइस किसी ‘तकनीकी खराबी’ के कारण विस्फोट नहीं कर पाए। पुलिस ने बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान के बाद 10 डिवाइस बरामद किए हैं। घटनाओं की जांच के लिए कई विशेष जांच दल (एसआईटी) बनाए गए हैं और दो मामले राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दिए गए हैं।
असम सीएम ने उल्फा-आई प्रमुख परेश बरुआ से राज्य में आतंक न फैलाने की अपील की। उन्होंने कहा कि इससे असम में औद्योगीकरण और निवेश का माहौल खराब होगा। उन्होंने कहा कि इससे राज्य के 19 लाख बेरोजगार युवकों के भविष्य पर भी असर पड़ेगा। सीएम ने कहा, मैं बरुआ से विनम्र अनुरोध करूंगा कि उनकी लड़ाई (असम की संप्रभुता के लिए) केंद्र से है, असम के लोगों से नहीं। इसलिए, उन्हें इस तरह के काम (बम लगाने) में शामिल नहीं होना चाहिए। अगर असम में एक भी बम विस्फोट होता है, तो टाटा समूह राज्य छोड़ देगा। अगर उल्फा-आई बम लगाना चाहता है, तो वे मेरे आवास को निशाना बना सकते हैं।

Related Articles

Back to top button