राष्ट्रीय

राष्ट्रपति मुर्मू पहुंचीं सबसे ऊंचे युद्ध क्षेत्र, जवानों का बढ़ाया हौंसला

नई दिल्ली। देश की महामहीन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध क्षेत्र, सियाचिन बेस कैंप पहुंची। उन्होंने वहां तैनात सैनिकों का हौसला बढ़ाया और सियाचिन युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की। सियाचिन ग्लेशियर पर ऑपरेशन मेघदूत की शुरुआत 13 अप्रैल, 1984 को भारतीय सेना ने की थी और यह युद्ध स्मारक उन सभी शहीदों के बलिदान का प्रतीक है जिन्होंने इस ऑपरेशन में अपने प्राण गवांए थे।
राष्ट्रपति मुर्मू ने सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा कि यहां आकर आप सभी जवानों और अधिकारियों से मिलने की मेरी इच्छा आज पूरी हो गई। मैं आप सबसे मिलकर बेहद खुशी महसूस कर रही हूं। तीनों सेनाओं की सर्वोच्च कमांडर के रूप में मुझे आप सभी पर गर्व है। सभी देशवासी आपकी बहादुरी को सलाम करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि कुछ समय पहले मुझे शहीदों के स्मारक स्थल पर श्रद्धांजलि अर्पित करने का अवसर मिला है। मैं उन सभी बहादुर सियाचिन वॉरियर्स की पावन स्मृति को सादर नमन करती हूं, जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राण निछावर कर दिए।
राष्ट्रपति ने जवानों की सराहना करते हुए कहा कि आप जटिल मौसम का सामना करते हैं, भारी बर्फबारी और माइनस 50 डिग्री तापमान जैसी विकट स्थितियों में आप पूरी निष्ठा के साथ तैनात रहते हैं। मातृभूमि की रक्षा के लिए आप असाधारण त्याग और सहनशीलता का उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। पूरा देश आप सबका सम्मान करता है। उन्होंने सैनिकों के परिवारों की भी सराहना की, जो अपने प्रियजनों से दूर रहते हुए देशवासियों की रक्षा में योगदान देते हैं। राष्ट्रपति ने सभी सैनिकों और उनके परिवारों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मैं प्रार्थना करती हूं कि आप सभी स्वस्थ रहें और आपके परिजन सानंद रहें।

Related Articles

Back to top button