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बीमार होते जा रहे सिस्टम का मिजाज दुरुस्त हो इसलिए करते हैं पत्रकारिता डॉ नवीन जोशी

पत्रकारिता से केवल रोजी-रोटी चले या अति धनसंपदा से वैभवशाली जीवन गुजर जाए इसलिए नहीं,बल्कि ओजपूर्ण विचारों से समाज और देश को नई दिशा मिले इस उद्देश्य से बीते 3 दशक से सक्रिय पत्रकारिता कर रहे है डॉ. नवीन आनंद जोशी।

हिंदी साहित्य में पीएचडी और कानून में स्नातक की पढ़ाई करने के बाद भी पत्रकारिता के मिशन में लंबे समय से अपनी एक अलहदा शैली से डटे नवीन जी के पिता चाहते थे कि वे वकालात करके पारिवारिक व्यवसाय को आगे बढ़ाएं लेकिन समाज में कुछ हटकर नया देने और पुराने सिस्टम को अपने विचारों से बदलने की जिद में पत्रकार बन गए।

महाकाल मंदिर उज्जैन के पुजारी परिवार से सम्बद्ध नवीन जी की शिक्षा उज्जैन और इंदौर में हुवी। पढ़ाई के साथ-साथ वर्ष 1988 में दैनिक भास्कर ,वर्ष 1990 में चौथा संसार 92 में दैनिक लोकस्वामी  और इंदौर से प्रकाशित नव भारत में 1993 से 1998 तक सेवाएं देते रहे साथ मे आकाशवाणी और दूरदर्शन के लिए वार्ता और उदघोष की महती भूमिका तय की। कुछ बड़ा करने की चाहत ने भोपाल का रुख कर दिया। राजधानी में दैनिक नई दुनिया में कुछ समय उपसंपादक का काम करने के बाद नवीन जी ने  इंदौर से प्रकाशित दैनिक स्वदेश और दैनिक प्रभात किरण में ब्यूरो चीफ़ का काम संभाला और साथ-साथ उज्जैन के समाचार  दैनिक  अग्निपथ,अक्षर विश्व ,विक्रम दर्शन,और प्रजा दूत में भोपाल के समाचार भेजना अनवरत जारी रखा। लंबी पारी खेलते हुवे बड़ी शिद्दत के साथ अंग्रेजी दैनिक स्टेट्समैन कोलकाता,एशियन एज मुंबई,दिल्ली और लंदन संस्करण में एक प्रतिनिधि के तौर पर काम किया। इसी दौरान दैनिक सामना मुंबई और मुंबई समाचार मुंबई से जुड़ गए साथ में द वॉल स्ट्रीट जनरल के लिए भी काम करते रहे। मीडिया में आये क्रांतिकारी परिवर्तन के कारण प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के बाद वेब मीडिया में भी नवीन जी अपने हाथ आजमाए और एक वेब पोर्टल “प्रकल्प” प्रारंभ किया जो आज भी एक्सक्लुसिव और खोजी खबरों के कारण मीडिया के सभी लोगो मे लोकप्रिय है। 

पत्रकारों के हितों की रक्षा और अधिकारों के लिए भी नवीन आनंद एक्टिव रहते है किसी साथी के साथ कुछ भी अप्रिय होने पर पूरी शक्ति से जुट जाते हैं। विश्वविख्यात संस्था नेशनल  यूनियन ऑफ  जर्नलिस्ट की मध्यप्रदेश ईकाई jump में पहले उपाध्यक्ष 4 वर्ष और इस समय प्रदेश महासचिव का दायित्व निभा रहे है।

पत्रकारिता में आप के तीखे तेवर सदैव चर्चा में रहते हैं ,कई चर्चित खबरें हैं जिन पर एक्शन हुआ है नवीन जी के खाते में ढेर है ।2 वर्ष पुरानी  आपकी एक खबर जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश पुलिस पर 10 लाख रुपए का जुर्माना किया वह खबर भी एकमात्र डॉ. नवीन जोशी की कलम से ही निकली जिसमें पीड़िता को न्याय मिला और पुलिस पर फाइन लगा। शासन-प्रशासन की वे खबरें जो सीधे जनता से सरोकार रखती हो और खासकर भ्रष्टाचार से जुड़े मुद्दों पर तथ्यात्मक जानकारी जुटाना इसमे सिद्धहस्त है नवीन जी। उनसे चर्चा में धमाकेदार खबरों को लिखने और बाद में प्रतिक्रिया के विषय में जानना चाहा तो उन्होंने बताया कि कई बार ऐसे मौके आए  जबकि  प्रभावित पक्ष ने दबाव डालने के लिए हथकंडे अपनाए,  खबर को रोकने की  कोशिश की, लेकिन साम दाम दंड भेद  सब से महाकाल ने और अपनी छबि ने बचाया।जोशी कहते है किन न झुकेंगे ,न टूटेंगे और न रुकेंगे का मूलमंत्र जिसने अपना लिया वो सुखी है। जिस पत्रकार ने व्यवहार में ईमानदारी को अपना लिया  उसका स्वाभिमान भी जिंदा रहेगा और समाज में उसकी प्रतिष्ठा भी बनी रहेगी। जहां पत्रकारिता के सिद्धांतों से समझौता किया वही पत्रकार एक सामान्य व्यक्ति हो जाता है और समाज में विशिष्टता बरकरार नही रख पाता।

नवीन जी के विचार से आज के दौर के पत्रकारों में मोटी तनख्वाह और हाई प्रोफाइल  तड़क-भड़क वाली जीवन शैली ही सफल जर्नलिस्म है, जो सर्वथा गलत है।अवाम जब भ्रष्ट ब्यूरोक्रेसी,मैनेज्ड पॉलिटिक्स और लंबी न्याय प्रणाली से ठगा जाता हैं तो बहुत उम्मीद से मीडिया की ओर आता है इसलिए प्रेस को उन तीनों से ज्यादा ईमानदार होने की जरूरत हैं।

साहित्य से डॉक्टर नवीन  जी अपनी और साथ जुड़े लोगों की सेहत के लिए काम करते रहते है। बीते 2 वर्षों से आप एक  स्वास्थ्य -समृद्धि देने वाली अंतरराष्ट्रीय  संस्था से देश विदेश में हेल्थ सेमिनार में मोटिवेशन कैम्प भी कर रहे हैं।

खबरों का चुनिंदा प्रकल्प, संक्षेप में कहें तो डॉ नवीन जोशी का कोई नही विकल्प।

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