राष्ट्रीय

लिंग्याज विद्यापीठ के स्कूल ऑफ ह्यूमेनिटीस एंड सोशल साइंसेस द्वारा आयोजित सेमिनार पर 120 से अधिक पंजीकरण

डिजिटल साक्षरता को समावेशीता और सामाजिक शक्ति के लिए बढ़ावा दिया

 

फरीदाबाद, 18 मार्च: लिंग्याज विद्यापीठ के स्कूल ऑफ ह्यूमेनिटीज एंड सोशल साइंसेस ने नेविगेटिंग चेंज: सोसाइटी, टेक्नोलॉजी एंड ह्यूमन वेलबीइंग विषय पर आईसीएसएसआर की प्रायोजित दो-दिवसीय बहुविषयक राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया। इस सेमिनार में देश के विभिन्न राज्यों से लगभग 120 पंजीकरण हुए।

विभागाध्यक्ष आनंद प्रकाश पाठक ने बताया कि इस अवसर पर प्रमुख अतिथि के रूप में प्रो. (डॉ.) नगेंद्र कुमार, आईआईटी रुड़की के इंग्लिश प्रोफेसर, प्रो. (डॉ.) दिव्यज्योति सिंह, जे.सी. बोस विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के अनुभागीय, साहित्य और भाषाओं के विभाग, और डॉ. अनुराग कुमार पांडेय, श्री माता वैष्णो देवी विश्वविद्यालय के भाषाओं और साहित्य के हेड, मुख्य अतिथि रहे।

सेमिनार में विभिन्न उप-विषयों पर चर्चाएँ हुईं और प्रतिभागियों ने अपने शोध विचार प्रस्तुत किए जो वर्तमान युग में डिजिटल साक्षरता और सामाजिक परिवर्तन की भूमिका, प्रौद्योगिकी के रूप में संचार और सामाजिक अंतरवार्ताओं को आकार देने में, भाषा उपयोग, अभिव्यक्ति और पहचान पर डिजिटल मीडिया के प्रभाव, और कैसे डिजिटल साक्षरता को समावेशीता और सामाजिक शक्ति के लिए बढ़ावा दिया जा सकता है के बारे में थे।

इस अवसर पर व्यापार, समाज, और नेतृत्व के प्रबंधन के विषयों पर भी चर्चाएँ हुईं और वैज्ञानिक प्रगतियों का उल्लेख हुआ जो समाजिक चुनौतियों का सामना करने में किसी भी भूमिका निभा सकते हैं और विभिन्न अन्तर्विज्ञानी दृष्टिकोणों को अपनाकर पर्यावरण समस्याओं का सामना करने और पर्यावरण स्थायित्व को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं। इस कार्यक्रम के आयोजन में डॉ. जुड़िथ सिंह, डॉ. स्वाति शर्मा, मोनिका, अकांक्षा, स्नेहा और हर्षिता का सहयोग सराहनीय रहा।

 

 

 

 

ई खबर मीडिया के लिए हरियाणा ब्यूरो देव शर्मा की रिपोर्ट

 

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