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वायनाड भूस्खलन में अब तक 84 की मौत, 116 घायल

वायनाड। केरल के वायनाड जिले में भारी बारिश के बाद हुए भयानक भूस्खलन ने तबाही मचा दी है। इससे 84 लोगों की मौत होने की आशंका जताई जा रही हैं। हादसे की भयाभयता को देखते हुए राहत एवं बचाव कार्य में लगे लोगों की संख्या में भी बढोतरी की गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल के सीएम से बात कर हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है। मेप्पडी के पास कई पहाड़ी इलाकों में हुई इस दुर्घटना में कई लोगों के मारे जाने की आशंका है। मलबे में सैकड़ों लोग फंसे हो सकते हैं। बचाव अभियान जारी है, लेकिन भारी बारिश से राहत और बचाव कार्य में काफी दिक्कतें आ रही हैं। चुरालमाला में एक बच्चे सहित चार लोगों की मौत हुई है, जबकि थोंडरनाड गांव में एक नेपाली परिवार के एक साल के बच्चे की मौत हो गई है। केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (केएसडीएमए) ने बताया कि अग्निशमन विभाग और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीमों को प्रभावित क्षेत्र में तैनात किया गया है। केएसडीएमए ने फेसबुक पर एक पोस्ट में बताया कि बचाव अभियान में मदद के लिए कन्नूर रक्षा सुरक्षा कोर की दो टीमों को भी वायनाड रवाना किया गया है। प्रभावित इलाकों के लोगों ने सैकड़ों लोगों के भूस्खलन के मलबे में दबे होने की जानकारी दी है। अधिकारियों ने कहा कि लगातार जारी भारी बारिश के कारण बचाव अभियान में बाधा आ रही है।जानकारी के मुताबिक 30 जुलाई की तड़के सुबह करीब 2 बजे पहली बार लैंडस्लाइड हुई। इसके बाद सुबह करीब चार बजकर 10 मिनट पर एक फिर लैंडस्लाइड हुई। राहत बचाव के लिए वायुसेना के दो हेलीकॉप्टर सुबह 7.30 बजे तमिलनाडु के सुलूर से रवाना किए गए हैं।

पीएम ने आर्थिक मदद की घोषणा की, राहुल ने दुख जताया


वायनाड के कुछ हिस्सों में भूस्खलन से व्यथित हूं। मेरी संवेदनाएं उन सभी लोगों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है और घायलों के लिए प्रार्थना करता हूँ। प्रभावित सभी लोगों की सहायता के लिए बचाव अभियान अभी चल रहा है। केरल के मुख्यमंत्री से बात की और वहां की मौजूदा स्थिति के मद्देनजर केंद्र से हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया।प्रधानमंत्री ने वायनाड के कुछ हिस्सों में भूस्खलन में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की। घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे। वहीं दूसरी तरफ राहुल गांधी ने इस घटना पर दुख जताया है। उन्होंने कहा कि वायनाड के मेप्पडी में हुए भारी भूस्खलन से मुझे गहरा दुख हुआ है। इस हादसे में अपने प्रियजनों को खोने वाले परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं हैं। मुझे उम्मीद है कि जो लोग अभी भी फंसे हुए हैं उन्हें जल्द ही सुरक्षित निकाल लिया जाएगा।

चूरालमाला से मुंडक्कई तक का रास्ता बह गया

भारी बारिश के कारण चूरालमाला का बाजार क्षेत्र मलबे से भर गया है और कई लोगों के वहां फंसे होने की आशंका है। बारिश के कारण बचाव दल को घटनास्थल तक पहुंचने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। चूरालमाला से मुंडक्कई तक का रास्ता बह जाने से बचाव कार्य बुरी तरह प्रभावित हुआ है।भारी बारिश के कारण आई बाढ़ ने चूरालमाला को मुंडक्कई से जोड़ने वाले पुल को बहा दिया, जिससे मुंडक्कई का संपर्क टूट गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पहला भूस्खलन मंगलवार सुबह 2 बजे हुआ और दूसरा भूस्खलन सुबह 4 बजे हुआ। मुंडक्कई में फंसे लोगों को बचाने के लिए एनडीआरएफ की 20 सदस्यीय टीम रवाना हो गई है। हैरिसन मलयालम प्लांटेशन के अधिकारियों ने बताया कि दो डिवीजनों के लगभग 200 कर्मचारियों को एक एस्टेट बंगले में रखा गया है। राज्य के राजस्व मंत्री के राजन ने कहा कि कोयम्बटूर से हेलीकॉप्टर मंगवाकर बचाव अभियान शुरू करने की कोशिश की जा रही है।

हेल्पलाइन नंबर जारी


जानकारी के अनुसार, भारी बारिश के बाद वायनाड में भूस्खलन हुआ है। स्वास्थ्य विभाग- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने आपातकालीन सहायता के लिए एक नियंत्रण कक्ष खोला है और हेल्पलाइन नंबर 9656938689 और 8086010833 जारी किए हैं। वायुसेना के दो हेलीकॉप्टर Mi-17 और एक ALH सुबह 7.30 बजे सुलूर से रवाना हुए। बचाव कार्यों का समन्वय किया जा रहा है।

मौसम विभाग की चेतावनी

इस बीच भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अगले 3 घंटों के दौरान केरल के मलप्पुरम और कन्नूर जिलों के चेतावनी जारी की है। अगले 3 घंटों के दौरान केरल के कोल्लम, अलप्पुझा, कोट्टायम, एर्नाकुलम, त्रिशूर और मलप्पुरम जिलों में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा की चेतावनी दी है। 
इसके अलावा 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की भी चेतावनी है। मौसम विभाग ने अन्य सभी जिलों में अलग-अलग स्थानों पर मध्यम बारिश की भविष्यवाणी की है।   

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