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भोपाल में मीनिंग पर उच्च स्तरीय चर्चा

भोपाल में गुरुवार से दो दिन एमपी माइनिंग कॉन्क्लेव शुरु हो गई। कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में आयोजित कॉन्क्लेव में देश भर के माइनिंग सेक्टर के इन्वेस्टर और दूसरे राज्यों के खनिज विभाग के अधिकारी शामिल हुए है। इस कॉन्क्लेव में देश-विदेश की करीब 600 कंपनियां शामिल हो रही हैं। देशभर के बडे़ औद्योगिक घरानों को बुलाया गया है।

कॉन्क्लेव सीएस अनुराग जैन, हाईड्रोकॉर्बन की डीजी पल्लवी जैन, मिनरल एक्प्लोरेशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड के एमडी इंद्रदेव नारायण, उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव राघवेन्द्र सिंह, सीआईआई मप्र के चेयरमैन आशीष वैश्य मौजूद हैं। माइनिंग और जियोलॉजी सेक्टर के अनुभवी विशेषज्ञ ट्रिपल आईटी तिरुपति के अरुण, आईआईटी धनबाद के मो दानिश, धनबाद के सहाद्र सिंह, श्रवण कुमार सिंह, जियोलॉजी एक्सपर्ट आए हैं।

कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए खनिज विभाग के प्रमुख सचिव संजय शुक्ल ने कहा कि मप्र में पिछले कई सालों से इन्वेस्टर्स समिट होता है। इसमें सभी सेक्टर की बात होती है। लेकिन, बहुत सालों से देश में कुछ सेक्टर्स ने अपनी-अपनी एक प्रैक्टिस सेटअप की है। जैसे दिल्ली में ऑटो शो होता है, बैंगलोर में एग्जिबिशन होता है। वैसे ही मप्र माइनिंग के क्षेत्र में उभरता हुआ राज्य है। इसलिए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने निर्देश दिया कि माइनिंग के लिए अलग से कॉन्क्लेव करें। जिससे माइनिंग सेक्टर में रोजगार और देश की जीडीपी को बढ़ाने की संभावनाओं पर बात हो।

देश का स्ट्रैटेजिक डिफेंस सिस्टम, स्पेस टेक्नोलॉजी और कई प्रकार के स्ट्रैटेजिक सेक्टर कहलाते हैं उनमें कैसे योगदान दे सकते हैं। जैसे ईवी के लिए बैटरी चाहिए, कॉपर, लीथियम की जरूरत है। इस प्रकार के सेक्टर में माइनिंग कैसे सहभागिता कर सकता है। इन सारे विषयों पर बात होगी।

कई विषयों पर होगा प्रेजेंटेशन

सिंगरौली जिले में सोने का भंडार मिला है। पहली बार मध्यप्रदेश में सोने की खदान आवंटित की गई है, साथ ही दूसरे खनिज जैसे- लाइमस्टोन, मैंगनीज, ग्रेफाइट, वैनेडियम के लिए भी निवेशकों को LOI (लेटर ऑफ इंटेंट) आवंटित किए जाएंगे। कॉन्क्लेव में कोल, पेट्रोलियम, हाइड्रोकार्बन के क्षेत्र में फ्यूचर की संभावनाओं पर प्रेजेंटेशन दिया जाएगा।

कॉन्क्लेव में रिलायंस, अडाणी, बिरला ग्रुप, जेएमएस, जेके सीमेंट, टेरेक्स, मेट्सो, लियूगॉन्ग, सैंडविक, जेसीबी, टाटा स्टील, हुंडई कंस्ट्रक्शन जैसे बड़े औद्योगिक घराने शामिल होंगे।

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