निकाय चुनावः शहर का प्रथम नागरिक बनने आमने सामने होंगे कददार नेता
नगर पालिका सीहोर के लिए कोई बंधन नही
अब होगा घमासान
सीहोर। नगरीय निकाय चुनावों में अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण् हो गया है; जिले की सबसे बडी नगर पालिका सीहोर सामान्य है यानी कि कोई भी बंधन नहीं कोई भी चुनाव लड सकता है; जैसे ही नगर पालिका के सामान्य होने की सूचना जिला मुख्यालय तक पहुंची है वैसे कई नये उम्मीदवार मैदान में आ गए है; इससे यह कयास लगने शुरू हो गए है कि इस बार सीहोर नगर पालिका में निकाय चुनाव में घमासान होगा।
गौर तलब है कि सीहोर नगर पालिका का मिजाज बदलता रहा है; नगर पालिका में मतदाताओं की स्थिति पर गौर किया जाए तो नगर में करीब 84 हजार मतदाता है। यह मतदाता शहर की नगर पालिका अध्यक्ष और 35 वार्डों के पार्षदों को चुनेंगे; निकाय की आरक्षण प्रक्रिया के बाद यह भी तय हो गया है, आरक्षित न होते हुए सामान्य हो गई है तो लाजिमी है कि इस बार अध्यक्ष पद के चुनाव में उम्मीदवारों की संख्या में इजापफा रहेगा; सियासी गलियारों से जो खबरें छनकर आ रही है उससे यह माना जा रहा है कि इस बार मुकाबला कददावर नेताओं के बीच हो सकता है।
करीब दस की दावेदारी
नगर पालिका में अध्यक्ष पद के चुनावों में इस बार भाजपा और कांग्रेस चार चार नेता अपने अपने दल से टिकट के लिए जोड तोड में जुटे हुए बताए जा रहे है, अध्यक्ष पद का टिकट लाने में सपफल कौन हो यह अभी कहना जल्दबाजी होगी; क्योंकि यह सियासत है इसमें कब कौन तुरूप का इक्का साबित हो जाए यह तो कहा नहीं जा सकता है; वहीं सीहोर नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए सामान्य सीट होने के बाद एक कददावर निर्दलीय प्रत्यासी की संभावनाएं प्रबल हो गई है; इसके साथ ही एक अन्य सियासी दल उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतार सकता है; हालांकि अध्यक्ष पद की सियासत की अभी शुरूआत है; वर्तमान में करीब दस उम्मीदवार सीहोर नगर पालिका अध्यक्ष के लिए अपनी दावेदारी ठोकते हुए नजर आ रहे है।
ऐसे भी समझे
सीहोर नगर की आबादी अब एक लाख के पार हो गई है, इस मायने बडी नगर पालिका है, इस निकाय पर अपना परचम पफहराना हर दल का मकसद रहता है; पर अब शहर में कई नई कालोनियों ने आकार लिया है पर मुख्य रूप से शहर पांच विभागों में ही विभाजित है; इसमें मंडी क्षेत्र , गंज, बढियाखेडी के क्षेऋ, और कस्बा एवं छावनी बाजार यह पांचों चारों शहर की मुख्य पहचान है, यह पांचों क्षेत्रों में प्रत्येक क्षेत्र अनुमानित 12 से 15 हजार मतदाताओं का प्रतिनिधित्व करता है; शहर की सियासत इन्ही क्षेत्रों के आसपास नजर आती है दल कोई सा भी हो; इन पांचों क्षेत्रों में से हर क्षेत्र नगर पालिका अध्यक्ष पद कब्जा पर अपना कब्जा चाहता है; इसलिए इस बार अध्यक्ष पद के लिए घमासान की प्रबल संभावनाएं है।
सबको दिया है मौका
सीहोर की नगर पालिका चुनाव की बात करें तो यहां कौन व्यक्ति अध्यक्ष् पद के लिए चुनाव लड रहा है यह भी मायने रखता है, शहर कभी भाजपा कभी कांग्रेस तो कभी निर्दलीय को भी शहर का प्रथम नागरिक बनाता रहा है; इस लिहाज से यह भी माना जा रहा है श्हर के नागरकि सभी को मौका देते रहे हैं वर्तमान में नगर पालिका का कब्जा है, मगर इसी कार्यकाल में दो बार कम अंतराल का सही पर मौका कांग्रेस भी हासिल कर चुकी है; शहर की नगर पालिका के इस पंचवर्षीय कार्यकाल में भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों के अध्यक्ष् अपनी पारी खेल चुके है; इसलिए नगर पालिका की जमीनी हकीकत से दोनों ही दल वाकिपफ है;सियासत अभी और रंग बदलेगी तो पिफर नए रंग भी देखने को मिलेंगे।