मध्य प्रदेश

दक्षता आंकलन परीक्षा से डरे शिक्षक, पकड सकते हैं आन्दोलन की राह

– परीक्षा देने नहीं आए थे शिक्षक अब फिर देना पडेगी परीक्षा
– परीक्षा से अनुपस्थित रहने वाले शिक्षक पर होगी कार्रवाई

मध्यपदेश। प्रदेश में शिक्षा की व्यवस्था को दुरस्त करने के लिए सरकार ने ऐसे शिक्षक जो कक्षा 10 वी और 12 वीं को पढाते थे और उनके स्कूलों के परीक्षा परिणाम अच्छे नहीं रहे थे, उनके लिए दक्षता आंकलन परीक्षा 3 और 4 जनवरी को आयोजित की थी। इसमें भी कई शिक्षक अनुपस्थित रहे थे, अब अनुपस्थित शिक्षकों पर कार्रवाई भी होगी और उन्हें दुबारा परीक्षा देनी होगीय दूसरी ओर इस परीक्षा को लेकर शिक्षकों में नाराजगी भी देखी जा रही है।
गौरतलब है कि प्रदेश में बोर्ड कक्षाओं में जिन स्कूलों का परीक्षा परिणाम 40 प्रतिशत से कम रहा थाए ऐसे स्कूलों में बोर्ड कक्षाओं को पढाने वाले शिक्षकों की परीक्षा आयोजित की गई थीए इसमें शिक्षक किताबों का सहारा ले सकते थे, प्रदेश में आयोजित परीक्षा में कई शिक्षक परीक्षा देने ही नहीं पहुंचेय अब ऐसे शिक्षकों को नोटिस दिया गया है। उल्लेखनीय है इस परीक्षा में पास नहीं होने वाले शिक्षकों को रिटायर कर दिया जाएगा। इस कारण से शिक्षकों में नाराजगी भी देखी जा रही है।
फिर होगी परीक्षा
दक्षता आंकलन परीक्षा में हाई स्कूल, हायर सेकंडर तथा माध्यमिक स्तर पर जो शिक्षक जिस विषय के लिए नियुक्त हैं। उन्हें उसी विषय की परीक्षा में शामिल किया किया गया था। राज्य स्तर से भी एक ऑब्जर्वर जिले में उपस्थित रहकर कोविड.19 की गाइड लाइन का पालन सुनिश्चित कराते हुए सम्पूर्ण कार्रवाई पर नजर रखी गई। परीक्षा में अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों को उसी दिन कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया उपयुक्त कारण होने पर अनुपस्थित शिक्षकों की पुनः परीक्षा ली जाएगी तथा इसके लिए पृथक से परीक्षा तिथि की सूचना दी जाएगी।
शिक्षक संगठन जता रहे है विरोध
प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित की गई दक्षता आंकलन परीक्षा का शिक्षक संगठनों द्वारा लगातार विरोध जता रहे है। शिक्षक संगठनों का कहना है कि यह शिक्षकों का अपमान है, वहीं जिन शिक्षकों को अभी तक रिटायर किया गया है। उन्हें बहाल किया जाए। शिक्षक संगठनों द्वारा लगातार विरोध किया जा रहा है। शिक्षक संगठनों द्वारा इसको बंद कराने के लिए ज्ञापन भी दिये गए हैं, वहीं आगामी दिनों शिक्षकों द्वारा आन्दोलन की राह भी पकडी जा सकती है।
ऐसे तो हर साल होंगे रिटायर
प्रदेश में दक्षता आंकलन परीक्षा का मामला अब तूल पकडता चला जा रहा है। शिक्षक संगठनों का कहना है कि हर साल बोर्ड कक्षाओं की परीक्षाएं होती है और जिन स्कूलों के परीक्षा परिणाम कमजोर रहे तो हर साल शिक्षकों को परीक्षा देना होगी। इस कारण से हर साल दर्जनों शिक्षकों को घर बैठना होगा। यह व्यवस्था शिक्षा के क्षेत्र में अनिश्चितता का दौर शुरू कर रही है। इस कारण से शिक्षकों की चिंता बढने लगी है।
कहां जाएंगे वह शिक्षक
शिक्षक संगठनों का कहना है कि यदि इस तरह की परीक्षा आयोजित की जाती रही तोए हर साल शिक्षकों को अपमानित होकर बाहर होना पडेगाय कई शिक्षक ऐसे हैं जो 50 वर्ष की आयु शिक्षा विभाग में अपनी सेवाएं देते हुए पार कर चुके है। वह परीक्षा में पास नहीं होने की दशा में बाहर हो जाएंगे, तो वह अपमान के साथ बेरोजगार भी होंगे, जो शिक्षक संविदा के माध्यम से भर्ती हुए थेए उन्हें पेंशन भी नहीं मिलेगी। ऐसे में उनका भविष्य और अंधकार में हो जाएगा। इस व्यवस्था के कारण प्रदेश के शिक्षक और शिक्षक संगठनों में आक्रोश देखा जा रहा है।

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