मध्य प्रदेश

अब पुलिस को बताना पडेगा क्या हुई अब तक कार्रवाई

प्रदेश में महिलाओं पर अपराध रोकने की कवायद
मध्यप्रदेश। प्रदेश में महिलाओं पर हो रहे जघन्य अपराधों को रोकने के लिए प्रदेश सरकार ने कडे कदम उठाये है, इससे सरकार का दावा है कि प्रदेश में बीते आठ महीने में महिला एवं अन्य अपराधों में पन्द्रह से पचास प्रतिशत की कमी आई है। अब सीएम शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की है कि प्रदेश अपह2त बालक बालिकाओं के परिजनों को अधिकार पत्र मिलेगा; इसमें पुलिस को यह बताना होगा उनके द्वारा अभी तक क्या क्या कार्रवाई की गई है।
अधिकार पत्र में जानकारी रहेगी कि कितने दिनों में क्या-क्या कार्यवाही की गई है। इस व्यवस्था में अब अपहृत होने वाले बच्चे के परिजन के साथ प्रत्येक 15 दिन में थाना प्रभारी और प्रत्येक 30 दिन में एसडीओपी केस डायरी के साथ बैठेंगे। इसमें यह सुनिश्चित किया जाएगा कि अधिकार पत्र के अनुसार कार्यवाही हुई है अथवा नहीं।
प्रदेश में नाबालिगों के साथ घटित अपराधों में वर्ष 2020 में भोपाल, छिंदवाड़ा, इंदौर और नरसिंहपुर में 05 अपराधियों को मृत्युदण्ड दिया गया। गत 09 माह में प्रदेश में बलात्कार के प्रकरणों में 19 प्रतिशत, अपहरण एवं व्यपहरण के प्रकरणों में 23 प्रतिशत, भ्रूण हत्या में 20 प्रतिशत, छेड़छाड़ और लज्जाभंग से संबंधित अपराधों में 14 प्रतिशत की कमी आयी है। बलात्कार के प्रकरणों के निराकरण के लिए दो माह की समयावधि में वर्ष 2020 की प्रथम छमाही में हुआ निराकरण प्रतिशत 44 था जो द्वितीय छमाही में 65 प्रतिशत हो गया है। यौन अपराधियों के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही कर भोपाल, उज्जैन, जबलपुर, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, धार और मुरैना जिलों में ऐसे अपराधियों की 23 करोड़ से अधिक की सम्पत्ति कब्जे से मुक्त कराई गई।नशे के विरूद्ध अभियान के अंतर्गत 75 करोड़ से अधिक के ड्रग्स पकड़े गए। लगभग एक लाख परिवारों को तबाह होने से बचाने में सफलता मिली। उल्लेखनीय है कि बीते दिनों ही प्रदेश में एक महिला के साथ हैवानियत का मामला सामने आया है।

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