मध्य प्रदेश

MP POLITICS : इमरती देवी को साधना जरुरी या मजबूरी

मध्यप्रदेश। हार कर जीतने वाले को ही बाजीगर कहते हैं। फिल्म बाजीगर में फिल्माया यह डॉयलॉग इन दिनों में मप्र की सियासत में चरितार्थ होता नजर आ रहा है। सियासी हल्कों में चर्चा है कि डबरा विधानसभा से उपचुनाव में हार का सामना कर चुकी सिंधिया समर्थक व पूर्व मंत्री इमरती देवी को मप्र की शिवराज सरकार केबीनेट मंत्री का दर्जा दे सकती है।
इन चर्चाओं के बाद लोग चटकारे लगा हरे हैं कि इमरती देवी को पद देना सरकार की मजबूरी या जरुरी। सियासी लोगों को मानना है कि मजबूरी कहें तो इमरती देवी की भाषा शैली किसी से छिपी नहीं है। शायद उन्हें साधना सरकार की मजबूरी हो गई है। हालांकि लोग यह भी कह रहे हैं कि शायद सरकार ने उनमें खासी काबलियत देखी है शायद इसलिए उन्हें मंत्री पद का दर्जा देना जरुरी है।
14 दिन बाद सौंपा इस्तीफा
उपचुनाव में हारने के 14 दिन बाद आखिरकार इमरती देवी ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने सिंधिया के भोपाल प्रवास के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को इस्तीफा सौंपा। सूत्रों का कहना है इमरती देवी को कैबिनेट मंत्री का दर्जा देकर उनका राजनीतिक कद बरकरार रखा जाएगा।

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