मध्य प्रदेश

MP BY ELECTION : बोल वचनों में असली मुद्दे होने लगे दरकिनार

मध्यप्रदेश। मध्यप्रदेश में इस समय उपचुनावों में बोल वचन रोजाना चर्चा का विषय बन रहे हैं, कभी भाजपा की तरफ से शब्दों के तीखे तीर चल रहे हैं तो कभी कांग्रेस के शब्दों के तीर चल रहे हैं। सियासी शब्दों के तीरों में आम जन के सुलगते सवाल कहीं पीछे न छूट जाएं। उपचुनावों में दोनों तरफ से दल बदल के नेता उपचुनाव में भाग्य आजमा रहे हैं, हालांकि भाजपा में ज्यादा उम्मीदवार हो सकते हैं, जो दल बदल के आये हैं। अभी तक भाजपा और कांग्रेस के नेताओं के भाषणों में एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोपों का दौर तेजी से चल रहा है। अब यह देखना काबिले गौर होगा कि जनता मूल मुद्दों पर मतदान करेगी या फिर जुबानी जंग में बहेगी।
– असल मुद्दे भी करेंगे असर
ऐसा भी नहीं है कि इस बार मध्य प्रदेश के उपचुनावों में पूरी तरह से मतदाताओं को जुबानी तीरों से प्रभावित किया जा सकता है। इस बार कोरोना ने लोगों को आर्थिक रूप से मुश्िकल में डाला है, लोग बेरोजगार हुए हैं, राेजगार की तलाश है, तो वह रोजगार भी चाहते हैं, अच्छी शिक्षा, अपराधों पर लगाम, शहर से लेकर गांवों तक सड़कें एवं अन्य सुविधाएं भी अब लोगों के लिए अहम मुददा बन रहे हैं। अभी तक जन संपर्क के दौरान रोजगार को लेकर युवाआें ने सवाल उठाये हैं। यदि मध्य प्रदेश के उपचुनाव में इस बार असली मुद्दे चले तो चौकाने वाले परिणाम भी सामने आ सकते हैं।

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