गेहूं के उत्पादन में मध्यप्रदेश फिर तोड़ेगा रिकॉर्ड
मध्यप्रदेश। प्रदेश में इस समय कोरोना का समय चल रहा है, लॉकडाउन के बाद भी गेहूं का प्रदेश में रिकार्ड उत्पादन हुआ है, बीते साल गेहूं की जो खरीदी हुई थी, उसके इस बार भी उस रिकार्ड की तरफ प्रदेश फिर बढ रहा है। हालांकि इस बार किसानों को समय पर भुगतान के लिए परेशान हो रहा है।
गौर तलब है कि प्रदेश में किसानों को उनकी उपज के सही दाम मिले इसके लिए समर्थन मूल्य पर किसानों की उपज की खरीदी की जा रही है। इसमें अभी तक प्रदेश में बनाए गए खरीदी केन्द्रों पर रिकार्ड तोड उपज की आवक दर्ज की गई। हालांकि कोरोना की वजह से खरीदी केन्द्रों तक उपज पहुंचाने के लिए किसानों को काफी मुश्िकलों से भी जूझना पडा।
-प्रदेश में अब तक एक करोड़ 8 लाख 173 मीट्रिक टन गेहूँ खरीदी
मध्यप्रदेश गेहूँ उपार्जन में बीते साल के रिकार्ड के करीब है। जहां गत वर्ष मध्यप्रदेश ने रिकॉर्डेड एक करोड़ 29 लाख मीट्रिक टन गेहूँ का उपार्जन कर देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया था। इस वर्ष भी अभी तक एक करोड़ 8 लाख 173 मीट्रिक टन गेहूँ किसानों से उपार्जित किया जा चुका है। जो बीते साल की गई खरीदी के बराबरी के ओर अग्रसर है।
-उपज के भुगतान के इंतजार
अब तक प्रदेश में किसानों की जो उपज खरीदी गई है , उससे किसानों के खाते में 21 हजार 334 करोड़ 32 लाख रुपये किसानों के खाते में जायेंगे। अभी तक एक हजार 522 करोड़ से भी ज्यादा राशि किसानों के खाते में डाली जा चुकी है। प्रदेश में 4660 खरीदी केंद्र स्थापित किये गये हैं। किसानों का कहना है कि उनकी उपज का भुगतान खरीफ की फसल की बोवनी के पूर्व तक किया जाना चािहए, इससे उन्हें आगामी फसल की बोवनी के लिए परेशानी का सामना नहीं करना पडे।