मध्य प्रदेश

भामाशाह योजना के माध्यम से ईमानदार करदाता होगें पुरस्कृत

नए वित्तिय वर्ष में किया जाएगा पुरस्कार प्रदान

मध्यप्रदेश।  मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में ईमानदार करदाताओं को प्रोत्साहित करने के लिए भामाशाह योजना के अंतर्गत नये वित्त वर्ष में पुरस्कार प्रदान किये जाएगें। कर अपवंचन पर अंकुश लगाने की प्रभावी कार्यवाही की जाये। इसके लिए केन्द्र और राज्य के जीएसटी अधिकारी संयुक्त प्रयास करें। राजस्व बढ़ाने की कार्यवाही इस तरह की जाए कि जनता को इससे कोई परेशानी न हो। मुख्यमंत्री श्री चौहान मंत्रालय में  वन नेशन वन टैक्स “एक भारत सशक्त भारत” बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में बताया गया कि इस वित्त वर्ष डेटा एनालिसिस के माध्यम से 492 करोड़ के कर अपवंचन का पता लगाया गया जिससे प्रवर्तन की कार्यवाही कर 203 करोड़ शासकीय कोष में जमा कराये जा चुके हैं। कुल 1332 वाहनों पर भी कर अपवंचन की दण्डात्मक कार्यवाही हुई है। इस वित्त वर्ष में 300 करोड़ से अधिक की राशि प्रवर्तन के माध्यम से प्राप्त होंगी। एनआईसीके ई-वे बिल पोर्टल डेटा और अन्य सूचना प्रौद्योगिकी माध्यमों से एनालिसिस कर अपवंचन का पता लगया जा रहा हैं।

       मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राजस्व संग्रहण के प्रयासों में केंद्र और राज्य सरकार के संबंधित विभाग समन्वय पूर्वक  कार्य करेंगे तो संग्रहण भी बढ़ेगा और लोक कल्याण के कार्यों को भी बेहतर ढंग से  अंजाम दिया जा सकेगा। यह राष्ट्रीय कार्य है। इसमें पूरे तालमेल और परिश्रम से अच्छा परिणाम लाने के प्रयास करें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने  केंद्र और राज्य सरकार के विभागों द्वारा कर संग्रहण के लिए किये गये कार्य की समीक्षा  भी की। मुख्यमंत्री       श्री चौहान ने कहा कि इस तरह की बैठक पहली बार आयोजित की गई है। अब यह बैठक नियमित रूप से हुआ करेगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जीएसटी संग्रहण में राज्य की उपलब्धियों की प्रधानमंत्री श्री मोदी ने भी प्रशंसा की। प्रदेश की जीएसटी संग्रहण में अनेक राज्यों से अच्छी स्थिति है। कोरोना संकंट के बावजूद राजस्व संग्रहण में 4 हजार करोड़ की वृद्धि हुई। विभिन्न विभागों ने इसके लिये काफी प्रयास भी किये। यह उदाहरण है कि आपदा में भी अवसर का उपयोग कर उपलब्धि हासिल की जा सकती हैं। इस उपलब्धि को कायम रखने के लिए निरंतर प्रयास हों। लोक कल्याण के कार्यों को गति मिलती रहे। उन्होंने कहा कि वाणिज्यिक कर अधिकारी आपसी तालमेल से बेहतर कार्य करें। छोटे करदाता को परेशान न होना पड़े। अन्य राज्यों की बेस्ट प्रेक्टिसेस भी अपनायी जाएं।

       भामाशाह योजना पुनः प्रारंभ कर नए वित्त वर्ष में ईमानदार करदाताओं को प्रोत्साहित करेंगे यह वित्त वर्ष समाप्त होने के बाद ऐसे करदाताओं का चयन किया जाए ताकि उन्हें पुरस्कृत किया जा सके। राजस्व बढ़ाने के लिए प्रभावी कार्यवाही की जाए लेकिन यह भी देखा जाए कि इसके लिए करदाताओं को अनावश्यक तकलीफ न हो। कर अपवंचन करने वालों के विरुद्ध प्रचलित प्रवर्तन की कार्रवाई भी जल्दी पूरी की जाए ताकि सरकार को अधिक राजस्व मिल सके और करदाता के प्रकरण का भी शीघ्र निवर्तन हो सके। पंजीकृत व्यवसायियों द्वारा की गई सप्लाई की जानकारी विभिन्न स्रोतों से प्राप्त कर वैधानिक कार्रवाई की जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि  डीम्ड रजिस्ट्रेशन की संख्या न्यूनतम करने के प्रयास  हों। ऐसे व्यवसायियों पर विशेष ध्यान दिया जाए। जीएसटी विधान के संशोधनों के विषय में संगोष्ठी व कार्यशाला के माध्यम से जागरूकता बढ़ाई जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि वाणिज्यिक कर विभाग के डेटाबेस में उपलब्ध विभिन्न आंकड़ों और जानकारियों का अधिक से अधिक प्रयोग कर राजस्व वृद्धि के ठोस प्रयास हों। बैठक में वित्त मंत्री श्री जगदीश देवड़ा, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव श्री मनोज गोयल प्रमुख सचिव श्रीमती दीपाली रस्तोगी ,वाणिज्य कर आयुक्त श्री राघवेंद्र सिंह उपस्थित थे।

प्रदेश में लाख 35 हजार पंजीयन हुए जीएसटी में

         बैठक में बताया गया कि देश में जीएसटी पंजीयन संख्या 1.26 करोड़ है। मध्यप्रदेश में 4 लाख 35 हजार व्यवसायी पंजीकृत हैं। सामान्य कर दाताओं की संख्या 2 लाख 25 हजार हैं। प्रदेश में कम्पोजीशन टैक्स पेयर 39 हजार 926 हैं। मध्यप्रदेश में  जीएसटी कलेक्शन गत वर्ष से 4 .09 प्रतिशत अधिक हुआ हैं। जीएसटी 3 बी रिटर्न फाइलिंग में वृत्त कार्यालयों में इन्दौर और उज्जैन वृत्त ने अच्छा कार्य किया हैं। विभाग के 15 संभागों के 82 वृत्त कार्यालयों द्वारा रिटर्न फाइलिंग की हर महीने समीक्षा की जा रही है।

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