मध्य प्रदेश

मप्र में भारी बारिश ने मचाया कोहराम, कई कच्चे घर गिरे… सडक़ों पर भरा पानी…

भोपाल । मप्र में एक्टिव दो बड़े सिस्टम की वजह से रविवार को जोरदार बारिश हो रही है। छिंदवाड़ा में नागद्वारी यात्रा पर जा रहे श्रद्धालुओं की कार कटा नदी में बह गई। कार से 4 लोगों का रेस्क्यू कर लिया गया, जबकि एक युवक लापता है। सागर में बारिश से दीवार गिर गई, मलबे में दबने से 9 बच्चों की मौत हो गई, जबकि 4 बच्चे घायल हैं। भोपाल में छोला इलाके के मकानों में पानी भर गया है। मंडला में नर्मदा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। विदिशा में बेतवा खतरे के निशान के करीब पहुंच गई है। नर्मदापुरम में तवा डैम के गेट 7 गेट 7-7 फीट तक खोल दिए गए हैं।
सागर जिले के शाहपुर में रविवार को सुबह हृदय विदारक घटना ने पूरे क्षेत्र में गम में डुबा दिया। हरदौल मंदिर में शिवलिंग निर्माण एवं भागवत कथा का आयोजन चल रहा है। सावन के महीने में यहां सुबह से शिवलिंग बनाए जा रहे हैं। रविवार को भी शिवलिंग बनाने का काम शुरू हुआ। रविवार को अवकाश का दिन होने की वजह से शिवलिंग बनाने के लिए आठ से 14 साल के बच्चे भी बड़ी संख्या में पहुंचे। वे सुबह जब शिवलिंग बना रहे थे, तभी मंदिर परिसर के बाजू वाली करीब पचास साल पुरानी एक कच्ची दीवार भराभराकर गिर गई। यह दीवार शिवलिंग बना रहे बच्चों के ऊपर सीधी गिरी, जिससे नौ बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई। इस घटना के बाद मौके पर चीख-पुकार मच गई। तत्काल ही दीवार के मलबे को हटाने का कार्य शुरू हुआ तो इसके नीचे और दबे बच्चों को निकाला गया।

4-4 लाख रुपए की आर्थिक मदद


मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शाहपुर हादसे पर दुख जताया है। उन्होंने जान गंवाने वाले बच्चों के परिजन को 4-4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है। घायल बच्चों के उचित इलाज के लिए जिला प्रशासन को निर्देश भी दिए हैं।

सतना और मैहर जलमग्न

भारी बारिश का असर सतना और मैहर जिले पर खासा देखा जा रहा है। यहां बीते तीन दिन से लगातार जारी बारिश के चलते बाढ़ ने ऐसा कहर बरपाया है कि घर, मकान, दुकान, खेत, खलिहान, सडक़ें सब जलमग्न हो गई हैं। झमाझम बारिश से नदी नाले उफान पर आ गए। खेत जलमग्न हो गए। एक ओर बारिश से लोगों को खासी परेशानी हो रही है, वहीं दूसरी ओर किसान खेतों में लबालब पानी देखकर खुश हैं। मिली जानकारी के अनुसार पिछले पंद्रह दिनों से जो बारिश हुई थी, वह खेती के लिए नाकाफी थी। इससे किसान बहुत दिनों से झमाझम बारिश होने का इंतजार कर रहे थे। बारिश हो जाने के बाद धान रोपाई कार्य जोर पकड़ेगा। वहीं, बारिश के कारण सडक़ों पर पानी भर गया और जगह-जगह जलभराव हो गया।

सडक़ों में भरा पानी

बारिश के कारण कई जगह सडक़ों में पानी भर गया। मां शारदा देवी मंदिर जाने वाले मार्ग में पुलघटा के ऊपर पानी आ जाने से कई घंटे जाम की स्थिति रही। डेल्हा जरियारी मार्ग पर जहां हाल ही में 12 करोड़ 84 लाख की लागत से सडक़ और पानी निकासी के लिए पुलिया बनाई गई थी, वहां सडक़ के ऊपर पानी आने से आवागमन बाधित हुआ। कई जगह सडक़ों पर पेड़ गिरने से भी लोगों को काफी परेशानी हुई।

घरों में घुसा पानी

बारिश से जनजीवन काफी अस्तव्यस्त हो गया। उचित प्रबंधन और उचित जल निकासी न होने से कई घरों में पानी घुस गया। इस परेशानी से निजात दिलाने मैहर कलेक्टर रानी बाटड ने भारी बारिश से प्रभावित क्षेत्र लखवार, गिरगिटा अमिलिया कला का निरीक्षण किया और प्रभावित लोगों को शासकीय विद्यालयों में ठहराने के निर्देश दिए।

कलेक्ट्रेट और भाजपा कार्यालय डूबा

मैहर का कलेक्ट्रेट परिसर एवं स्नातकोत्तर महाविद्यालय भारी बारिश के चपेट में हैं। लिलजी नदी का जल स्तर बढऩे से पूरे परिसर में पानी ही पानी है। कलेक्ट्रेट तक जाने का रास्ता शनिवार को ही बंद हो गया था। बड़ी मुश्किल से लोग निकल पा रहे थे। शनिवार की रात बारिश के बाद पूरे परिसर में पानी भर गया है। आनन-फानन में कलेक्ट्रेट और महाविद्यालय बना तो दिए गए, लेकिन आवागमन की उचित व्यवस्था नहीं की गई। परिणाम स्वरूप थोड़ी सी बारिश में ही रास्ते में पानी भर जाता है और आने जाने में काफी दिक्कत होती है।

बारिश में कई कच्चे घर गिरे


ग्राम कन्हवारा में रामाधार नामदेव का मकान बारिश के कारण गिर गया। उनके पास सिर छुपाने की जगह तक नहीं बची। मकान गिरने से राशन सामग्री भी पूरी खराब हो गई। रामाधार नामदेव का कहना है कि 5 साल पहले उन्होंने आवास योजना की फाइल लगाई थी। मोहल्ले में लगभग 99 प्रतिशत लोगों के मकान बन चुके हैं, लेकिन उन्हें आवास योजना का लाभ नहीं मिला। वहीं मैहर जिले के ग्राम जुड़वानी में भी कई कच्चे मकान गिरने की खबर है।

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