मध्य प्रदेश

हैल्थ, वैल्थ और हैव्पीनेस आध्यात्मिक प्रयोगशाला में कोरोना से जीतने के मंत्र

-राजयोग मेडीटेशन का प्रयोग कर कोरोना को हराने का प्रयास

भोपाल। कोरोना संकट से उभरने के लिए अब सरकार ही नहीं हम सब भी अनलॉक मोड पर आकर एहतियात बरतते हुए जीवन को पटरी पर लाने की कवयद में जुट गए हैं।  फिर चाहे सरकारी, समाजिक धार्मिक संस्था हो अथवा आमजन सभी का प्रयास है कि कोरोना को हराना है। इसके लिए वैज्ञानिक केे अलावा आध्यात्मिक तरीकों से मानसिक व शारिरिक तौर पर कोराना से जीतने की कोशिशें जारी हैं।इसी क्रम में मानव कल्याण के जिए प्रजापजिपा ब्रहमाकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा हैल्थ—वैल्थ—हैव्पीनेस आध्यात्मिक प्रयोगशाला राजयोग मेडीटेशन का आयोजन 24 जून से 15 अगस्त तक किया जा रहा है।

महामारी कोरोना को जड से मिटाने के लिए राजयोग का ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित किया जा रहा है। जिसमें आध्यात्मिक विज्ञान से इस महामारी को हराने का प्रयास किया जाएगा। कार्यक्रम के जरिए कोरोना के चक्रव्युह को भेदने के लिए परमात्मा प्रेरणा को स्वीकार कर मानव को इस महामारी से बचाने का दृढ निश्चय किया है। इसके लिए 15 अगस्त तक प्रतिदिन नियमित सुबह 4 बजे से रात्रि 10 बजे तक राजयोग किया जाएगा।

कैसे अद्भुत है राजयोग

ब्रहमकुमारी संस्था की जोनल डायरेक्टर मप्र दैवी बहिन बीके अवधेश ने बताया कि राजयोग एक आध्यात्मिक विज्ञान है। जो भौतिक विज्ञान से सहस्त्र गुणा अपनी अदम्य क्षमता रखता है। जहां भौतिक विज्ञान हमें कई बार निराशा, असम्भव, अनुभव कराता है। वहीं आध्यात्मिक विज्ञान हमें सफलता के शिखर पर पहुंचाता है। उन्होंने कहा कि भौतिक विज्ञान को भी इतनी ऊचाईयों पर पहुंचाने वाला आध्यात्मिक विज्ञान ही है। मन के चिंतन पर ही संसार के सभी पदार्थो का स्वरूप निर्भर करता है। अत: इस ट्रनिंग कार्यक्रम के दौरान आध्यात्मिक विज्ञान के जरिए इस महामारी पर विजय पाने का हम प्रयास करेंगे।

बहिन बीके अवधेश ने बताया कि मनोवैज्ञानिकों के अनुसार कि 90 प्रतिशत बीमारियों का मूल कारण मन ही हैै। 10 प्रतिशत पर्यावरण, वायरस, संक्रमण, खान-पान, घटना-दुर्घटना है। इसलिए आज भागमभाग भरे जीवन में मानव भय, चिंता, तनाव, खान-पान में असंतुलन से अनेकानेक बीमारियों का शिकार बन गया है। उन्होंने इसे हराने के लिए सबको अपनी कला, विद्या का प्रयोग कर इससे क्ष्वये का और दूरों को बाहर निकालने के लिए कहा। 

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