मध्य प्रदेश

गुरू पूर्णिमा पर गुरु पूजन और गुरु दीक्षा भी हुई

करुणाधाम-गुफा मंदिर में सैकड़ों शिष्यों ने पूजा की

भोपाल । राजधानी भोपाल में गुरु पूर्णिमा मनाई गई। रविवार सुबह से ही शिष्य गुरु पूजन में जुट गए। करुणाधाम आश्रम में सवा करोड़ मंत्रों की पूर्णाहुति के बाद गुरु पूजन शुरू हुआ। सैकड़ों शिष्य करुणाधाम में जुटे। वहीं, गुफा मंदिर में भी गुरु दीक्षा हुई। राजहर्ष कॉलोनी कोलार स्थित श्री लक्ष्मी नारायण संस्कृत वेद विद्या गुरुकुलम में 80 बच्चों का जनेऊ संस्कार हुआ।
करुणाधाम आश्रम के पीठाधीश्वर सुदेश शांडिल्य महाराज के स्वास्थ्य और दीर्घायु जीवन के लिए शिष्य, सेवकों ने आत्मकल्याण और जन कल्याण के उद्देश्य से संकल्प लिया था कि वे सवा करोड़ जाप कर गुरु पूर्णिमा के अवसर पर संपन्न हुई। 3 महीने पहले से करुणाधाम आश्रम के करीब 250 युवा समूह और शिष्य, सेवक जाप कर रहे थे। शनिवार को गुरुदेव के सानिध्य में 5100 आहुतियों के साथ और दुर्गा शप्तसती पाठ, वेद मंत्रों के साथ यह महायज्ञ, जाप संपन्न हुआ। इस संकल्पित महायज्ञ को उज्जैन के पं. संतोष पंड्या के मार्गदर्शन में किया गया।

 सुबह से शिष्यों की भीड़

गुरु पूर्णिमा के मौके पर करुणाधाम आश्रम में सुबह से ही गुरुदेव सुदेश शांडिल्य महाराज के चरणों का अभिषेक करने के लिए सैकड़ों शिष्य, सेवक जुटे रहे। महाराज ने भी शिष्यों को जीवन में गुरु के महत्व के बारे में समझाया। उन्होंने कहा कि गुरु वो पथ प्रदर्शक हैं, जो स्वयं को ठहराकर अपने शिष्य को पथ में अग्रसर होने की कामना करता है। गुरुदेव ने अपने पिता श्रीश्री 1008 बालगोविंद शांडिल्य महाराज के चरण का अभिषेक कर युवाओं और प्रदेश की उज्जवल भविष्य की प्रार्थना की।

गुफा मंदिर में गुरु दीक्षा और पूजा का आयोजन

भोपाल के गुफा मंदिर में सुबह से गुरु दीक्षा और पूजन का आयोजन हुआ। प्राद्यवराह पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर श्रीश्री 1008 श्री महंत रामप्रवेश दास जी महाराज का शिष्यों ने पूजन किया। गुरुदेव ने शिष्यों को दीक्षा भी दी।

80 बच्चों का जनेऊ संस्कार हुआ

राजहर्ष कॉलोनी कोलार स्थित श्री लक्ष्मी नारायण संस्कृत वेद विद्या गुरुकुलम में विधि-विधान के साथ लगभग 80 बच्चों का जनेऊ संस्कार हुआ। गुरुकुल के संचालक अवनीश त्रिवेदी ने बताया, गुरुकुलम की मान्यता महर्षि सांदीपनी राष्ट्रीय वेद संस्कृत शिक्षा बोर्ड उज्जैन से है। यहां करीब 80 विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। उनका जनेऊ संस्कार हुआ।

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