मध्य प्रदेश

मप्र के छतरपुर में चार मासूमों की डूबने से मौत

 

[mkd_highlight background_color=”” color=”red”]कमलेश पाण्डेय[/mkd_highlight]

 

मध्यप्रदेश। छतरपुर जिले के बमीठा थाना क्षेत्र के राजापुरवा में मंगलवार की दोपहर एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आयी। यहां रहने वाले चार परिवारों के मासूम बच्चे नहाते समय एक पोखर में डूबकर चल बसे। ये बच्चे घर से दोपहर 12 बजे नहाने निकले थे और 3 बजे जब गांव का एक व्यक्ति पोखर की ओर गया तब एक बच्चे का शव पानी में तैरता दिखा। इसके बाद गांव वालों ने इकट्ठा होकर अन्य बच्चों की तलाश की। प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर चार शव तालाब ने निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेजे।

मृतक बच्चों की उम्र 11 साल से 13 साल के बीच है। किनारे पर पड़े कपड़ों से लगा अंदाजा, एक-दूसरे को बचाते वक्त डूबने का अंदेशा राजापुरवा निवासी राजेन्द्र असाटी का 12 वर्षीय पुत्र अतुल, नईम खान का 13 वर्षीय बेटा आफताब, संतोष साहू का 12 वर्षीय पुत्र आनंद और हरप्रसाद लखेरा का 13 वर्षीय पुत्र जगदीश ये चारों बच्चे दोपहर 12 बजे अपने-अपने घरों से राजपुरवा के पिछले हिस्से में मौजूद एक पोखर में नहाने गए थे। दोपहर का वक्त था इसलिए पोखर के आसपास भी कोई मौजूद नहीं था।

बच्चों ने किनारे पर कपड़े उतारे और फिर पानी में उतर गए। हालांकि किसी ने इस दुर्घटना को देखा नहीं क्योंकि आसपास न तो कोई मौजूद था और न ही कोई घर बना हुआ है। फिर भी यह अंदेशा है कि चारों बच्चों में से कुछ बच्चे डूबने लगे हों और उन्हें बचाने में एक-दूसरे को पकड़कर चारों बच्चे इस पोखर में डूब गए। दोपहर 3 बजे जब गांव का एक व्यक्ति पोखर की ओर से गुजरा तो उसे एक बच्चे का शव तैरता दिखा उसने किनारे पर देखा कि चार बच्चों के कपड़े उतरे हुए पड़े हैं जिससे वह घबरा गया उसने गांव वालों को आवाज देकर बुलाया। गांव वालों ने इकट्ठा होकर तालाब से एक-एक कर चारों बच्चों के शव निकाले। नायब तहसीलदार झाम सिंह, एसडीओपी मनमोहन सिंह और टीआई दिलीप पाण्डेय ने मौके पर पहुंचकर शव को निकलवाने में मदद की और उन्हें पोस्टमार्टम के लिए भेजा।

–दो परिवारों के इकलौते चिराग बुझे

राजापुरवा में रहने वाले हरप्रसाद लखेरा का पुत्र जगदीश और नईम खान का बेटा आफताब अपने माता-पिता का इकलौते पुत्र थे। जैसे ही इस बात की खबर परिवारों तक पहुंची घटना स्थल पर पहुंचे मां-बाप बिलख-बिलख कर रोने लगे। एक ही गांव के चार परिवारों पर आयी इस विपदा से पूरे गांव में मातम है। तहसीलदार विजय सेन ने बताया कि सभी परिवारों के ऊपर यह विपदा आई है प्रशासन परिवारों के साथ है। फिलहाल पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार कराया जा रहा है। चारों परिवारों को शासन की ओर से आपदा राहत राशि के रूप में चार-चार लाख रूपए दिए जाएंगे

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