मध्य प्रदेश

सार्थक एप के विरोध में सड़क पर उतरे कर्मचारी   

 

मध्यप्रदेश।  छतरपुर प्रदेश का एकलौता जिला है जहां सार्थक ऐप से उपस्थिति दर्ज कराना सभी विभागों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है। यह ऐसा ऐप है जिसके माध्यम से कर्मचारियों को अपने कार्यस्थल पर जाकर फोटो खींचकर डालना है तभी उनकी उपस्थिति स्वीकार होगी। ऐप में तमाम विसंगतियां हैं फिर भी वेतन और मानदेय के कटने के भय से कर्मचारी अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की कोशिश करेंगे। विभिन्न विभागों के कर्मचारियों ने इसका जमकर विरोध करते हुए विरोध मार्च निकाला और कलेक्टर को ज्ञापन देकर कहा है कि इस ऐप को तत्काल बंद किया जाए।
स्थानीय मोटे के महावीर मंदिर प्रांगण में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के अलावा शिक्षा विभाग, पंचायत विभाग, स्वास्थ्य विभाग, राजस्व विभाग सहित विभिन्न विभागों के कर्मचारी इकट्ठा हुए और यहां जिला प्रशासन की तानाशाही के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि कलेक्टर द्वारा सार्थक ऐप को जबरन थोपा जा रहा है और इस ऐप से कर्मचारियों पर बुरा असर होगा। मोटे के महावीर मंदिर प्रांगण में इकट्ठा होने के बाद विरोध रैली छत्रसाल चौक से होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे जहां कलेक्टर मोहित बुंदस को 6 बिन्दुओं का ज्ञापन देकर संयुक्त कर्मचारी संगठनों की मांगों पर तुरंत ध्यान आकृष्ट कराने का आग्रह किया गया। विभिन्न कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों के अलावा हजारों की तादाद में कर्मचारी सदस्य मौजूद रहे।

जिले की तरक्की के लिए भी करें प्रयास
ज्ञापन लेने के बाद करीब आधा घंटे तक कर्मचारियों के बीच बैठकर कलेक्टर मोहित बुंदस ने कहा कि कल्याणकारी योजनाओं में जिले का स्थान काफी पीछे है इसलिए कर्मचारियों की जिम्मेदारी है कि वे अपना दायित्व निभाएं और जिले को योजनाओं के क्रियान्वयन में आगे लाएं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपनी बात रखी कि उन्हें बेहद कम मानदेय दिया जाता है इसके अलावा निर्धारित समय से काफी अधिक काम लिया जाता है इसलिए उनके हितों का संरक्षण किया जाए जिस पर कलेक्टर ने भरोसा दिलाया कि ड्यूटी पूरी होने के बाद एक मिनिट भी कार्य स्थल पर न रूकें। कलेक्टर मोहित बुंदस ने कहा कि हर विभाग में ऐसे कर्मचारी हैं जो अपनी जिम्मेदारी सही ढंग से नहीं निभाते इसलिए जिले का नाम लगातार पिछड़ रहा है।
कलेक्टर के आते ही लगे जिंदाबाद के नारे
संयुक्त कर्मचारी मोर्चा द्वारा सार्थक ऐप लागू न किए जाने को लेकर कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया गया। चूंकि कलेक्टर को ही ज्ञापन दिए जाने की मांग की जा रही थी मगर ज्ञापन के दौरान कलेक्टर कार्यालय से बाहर थे इसलिए ज्ञापन डिप्टी कलेक्टर को दिया गया। ज्ञापन के दौरान ही कलेक्टर मोहित बुंदस मौके पर आ गए। जैसे ही कलेक्टर श्री बुंदस आए वैसे ही सैकड़ों आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर जिंदाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए। हालांकि उस दौरान कलेक्टर ने कोई ऐसी मांग पूरी करने का आश्वासन नहीं दिया था।

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