मध्य प्रदेश

8वें वेतन आयोग के गठन को लेकर कर्मचारी सक्रिय

भोपाल, देश के साथ ही मध्य प्रदेश के 7.50 लाख कर्मचारियों को भी 8वें वेतन आयोग के गठन का इंतजार है। केंद्र सरकार ने लोकसभा के बजट सत्र में आयोग के गठन की घोषणा जरूर की है, पर अब तक औपचारिक आदेश जारी नहीं हुआ है। जिससे कर्मचारी चिंतित हैं। उनका कहना है कि आयोग के गठन में जितना समय लगेगा, वेतनमान का लाभ भी कर्मचारियों को उतनी ही देरी से मिलेगा और मध्य प्रदेश के कर्मचारियों को तो और भी समय लग जाएगा। क्योंकि नया वेतनमान केंद्रीय कर्मचारियों को दिए जाने के बाद ही राज्यों में लागू होता है।
केंद्र सरकार देशभर के कर्मचारियों के लिए महंगाई के अनुपात में प्रत्येक 10 वर्ष में नया वेतनमान लागू करती है। इसके लिए एक आयोग का गठन किया जाता है, जो वर्तमान और अगले सालों में बढऩे वाली महंगाई को ध्यान में रखकर वेतनमान का मसौदा तैयार करता है। इस काम में आयोग को दो वर्ष या उससे भी अधिक समय लग जाता है। देश के कर्मचारियों को वर्तमान में 7वां वेतनमान दिया जा रहा है, जो एक जनवरी 2016 को लागू हुआ था। इस हिसाब से एक जनवरी 2026 को 8वां वेतनमान लागू होना है। यदि केंद्र सरकार अगस्त में ही आयोग का गठन कर देती है, तो आयोग को वेतनमान की गणना के लिए डेढ़ वर्ष का ही समय मिलेगा। आयोग ने कुछ और समय ले लिया, तो कर्मचारियों को 2026 में नया वेतनमान नहीं मिल पाएगा, जो शुद्ध रूप से कर्मचारियों का नुकसान होगा।
किन्हीं भी कारणों से वेतनमान लागू करने में देरी होती है, तो नुकसान कर्मचारियों को ही होता है। क्योंकि राज्य के कर्मचारियों को तो एरियर भी नहीं मिलता है। हालांकि 7वें वेतनमान के मामले में ऐसा नहीं हुआ है। यह केंद्र में एक जनवरी 2016 से लागू हुआ था, तो मध्य प्रदेश में 22 जुलाई 2017 से लागू किया गया था। सामने विधानसभा चुनाव थे, इसलिए सरकार ने एरियर भी दिया था, पर यह हर बार होगा, ऐसा नहीं है।
कर्मचारियों का मूल वेतन 10 साल में एक ही बार बढ़ता है, जब नया वेतनमान लागू होता है। वैसे साल में दो बार डीए बढ़ता है, पर इसे तात्कालिक महंगाई राहत के रूप में दिया जाता है। यह वेतनमान में वृद्धि नहीं मानी जाती है। मध्य प्रदेश के कर्मचारियों को वर्तमान में 46 प्रतिशत डीए मिल रहा है। केंद्रीय कर्मचारियों को जनवरी 2024 से दिया गया 4 प्रतिशत डीए प्रदेश के कर्मचारियों को भी दे दिया जाता है तो यहां भी डीए बढक़र 50 प्रतिशत हो जाएगा। जब डीए 50 प्रतिशत हो जाता है, तो उसे मूल वेतन में मर्ज कर दिया जाता है। बता दें कि केंद्रीय कर्मचारियों को जनवरी 2024 से 50 प्रतिशत डीए दिया जा रहा है। तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी का कहना है कि केंद्र सरकार को वेतन आयोग का गठन जल्द करना चाहिए। ताकि कर्मचारियों को समय से नया वेतनमान मिल जाए। क्योंकि मध्य प्रदेश में तो एरियर न देने की परंपरा रही है। वैसे भी आयोग को अपनी अनुशंसा देने में दो से ढाई साल लग जाते हैं। यानी पहले से ही देरी हो गई है।

Related Articles

Back to top button