मध्य प्रदेश

सहकारी समिति ने किसान से एक रुपए 76 पैसे का ब्याज वसूला 2700 रुपए

मध्यप्रदेश। राजनीतिक मंचों से जनप्रतिनिधियों द्वारा किसानों के हित में किए जाने वाले बड़े-बड़े दावे असलियत में खोखले हैं. वास्तविकता में आज भी अन्नदाता किसान खराब सिस्टम के आगे दबता जा रहा है. ऐसा ही एक उदाहरण मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विधानसभा क्षेत्र की सहकारी समिति डिमावर में सामने आया हैं, जहां एक किसान से एक रुपए 76 पैसे का ब्याज 2700 रुपए जमा कराया गया है.
बुधनी विधानसभा क्षेत्र का किसान आम्बाजदीद निवासी बोवनी के लिए प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति मर्यादित डिमावर शाखा नसरुल्लागंज में खाद लेने के लिए पहुंचा था. यहां सहकारी समिति के जिम्मेदारों पर उसे डिफाल्टर बताया गया. जब किसान ने राशि पूछी तो बताया कि राजेश कुमार कैलाश चंद्र साहू के नाम पर 0.95 पैसे बकाया है. इसी तरह पिता कैलाश नर्वदा प्रसाद साहू के नाम 0.81 पैसे बकाया है. दोनों मूल राशि ब्याज सहित 2700 रुपए होती है, इसे जमा करने के बाद ही खाद मिल सकेगा. किसान राजेन्द्र कुमार ने जब यह सुना उनके पैरों के नीचे जमीन खिसक गई. किसान ने बताया कि इतना ब्याज कैसे. समिति के जिम्मेदारों ने बताया कि यह सिस्टम द्वारा बताया जा रहा है. खाद लेने पहुंचे बेबस किसान राजेन्द्र कुमार ने एक रुपए 76 पैसे के बदले 2700 रुपए जमा कराए, तब कहीं जाकर उन्हें खाद मिल सका.
– 1.76 पैसे का ब्याज 2700 रुपए
प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति मर्यादित डिमावर शाखा में 16 अक्टूबर को जमा कराई राशि में रसीद क्रमांक 204858, सदस्य क्र. 693 नाम कैलाश नर्वदा प्रसाद साहू, निवासी आम्बाजदीद से क्रमांक 1. केसीसी रवी 2, राशि 0.81, क्रमांक 2. ब्याज वसूला 1507.20 रुपए. योग 1508.01 रुपए. इसी तरह प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति मर्या डिमावर शाखा नसरुल्लागंज. दिनांक 16 अक्टूबर रसीद क्र. 204859, सदस्य क्र. 725 नाम राजेन्द्र कुमार कैलाशचंद्र साहू, निवासी आम्बाजदीद से. क्रं. 1. केसीसी रवी 2 राशि 0.95 पैसे, क्रमांक 02. ब्याज वसूल 1199.09 रुपए. योग एक हजार दो सौ रुपए एवं चार पैसे किसान द्वारा जमा कराए गए हैं.
– पूरी राशि पर लगा ब्याज
सहकारी समिति प्रबंधक दिनेश यादव ने बताया कि सिस्टम द्वारा पूरी राशि पर ब्याज लगाया गया है। तीन प्रतिशत के हिसाब से 183 दिन का यह ब्याज बना है। सिस्टम से निकालकर किसान को पूरा हिसाब किताब बता दिया गया था।
– . अफसरशाही लालफीताशाही का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण
सीहोर जिले के पूर्व कांग्रेस जिलाध्यक्ष कैलाश परमार का कहना है कि यह अफसरशाही और लालफीताशाही का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है। इतनी कम राशि तो वैसे ही मापफ कर देना चाहिए थी। यह ठीक नहीं है।

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