मध्य प्रदेश

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर निरस्त होगी प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्तियां 

भोपाल। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर प्रदेश में बीएड डिग्रीधारी प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्तियां निरस्त होगी। प्रदेश भर में ऐसे प्राथमिक शिक्षकों की संख्या करीब 300 बताई जा रही है। सर्वोच्च न्यायालय के इस आदेश के बाद लोक शिक्षण संचालनालय (डीपीआई) ने जिला शिक्षा अधिकारियों (डीईओ) को दिशा-निर्देश जारी किए दिए हैं। इसमें कहा गया है कि सर्वोच्च न्यायालय ने 11 अगस्त 2023 को पारित आदेश में राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की अधिसूचना 28 जून 2018 को निरस्त कर दिया है, जिसके चलते प्राथमिक शिक्षक की व्यावसायिक योग्यता बीएड मान्य नहीं रह गया है। इस निर्णय के आधार पर बीएड डिग्री वाले व्यक्ति प्राथमिक शिक्षक पद के लिए पात्र नहीं होंगे।प्राथमिक शिक्षकों को लेकर उच्च न्यायालय जबलपुर ने भी तीन मई 2024 में यह निर्णय दिया था कि 11 अगस्त 2023 के पूर्व नियुक्त बीएड डिग्री धारी प्राथमिक शिक्षकों को ही मान्य किया जाए। यानी 11 अगस्त 2023 के बाद नियुक्त बीएड योग्यता धारी प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्त मान्य नहीं होगी। इसके अलावा जिले में 11 अगस्त 2023 को या इसके बाद नियुक्त कोई अन्य बीएड योग्यताधारी प्राथमिक शिक्षक है तो तत्काल नियुक्ति निरस्त करें। बता दें कि प्राथमिक शिक्षक भर्ती 2020 के तहत करीब 18 हजार पदों पर भर्ती हुई थी। डीपीआई की ओर से 25 जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी किया गया है। इसमें आगर-मालवा, आलीराजपुर, अशोकनगर, छतरपुर, दमोह, डिंडौरी, गुना, कटनी, खंडवा, मंदसौर, मुरैना, नरसिंहपुर, नीमच, निवाड़ी, पन्ना, रायसेन, रतलाम, सागर, श्योपुर, शिवपुरी, सीधी, सिंगरौली, टीकमगढ़, उज्जैन और विदिशा जिले के जिला शिक्षा अधिकारी शामिल हैं। एनसीटीई की अधिसूचना में 28 जून 2018 को प्राथमिक शिक्षक भर्ती 2020 में बीएड धारी को मान्य किया गया था। इस आधार पर बीएड धारी अभ्यर्थियों ने प्राथमिक शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन किया था। करीब पांच लाख आवेदन हुए थे। बाद में सर्वोच्च न्यायालय ने बीएड डिग्री को प्राथमिक शिक्षक की योग्यता के लिए अमान्य कर दिया था। इस बारे में डीपीआई आयुक्त शिल्पा गुप्ता का कहना है कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन किया गया है। ऐसे करीब 300 प्राथमिक शिक्षक हैं। जिलों से सूची मांगी जा रही है।

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