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बर्थडे स्पेशल: राजेश खन्ना से हार से लेकर रेखा के प्यार तक, ऐसी रही है विनोद मेहरा की जीवनयात्रा

मुंबई। विनोद मेहरा आज हमारे बीच होते तो अपना 73 वां बर्थडे मना रहे होते! 70-80 के दशक की बात करें तो अपनी सहज अभिनय शैली, प्यारी सी मुस्कान और अपनी बोलती हुई आंखों की चमक से लाखों लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाने वाले अभिनेता विनोद मेहरा उस दौर के एक महत्वपूर्ण एक्टर रहे हैं!

महज 45 साल की उम्र में इस दुनिया से विदा लेने से पहले विनोद मेहरा ने सौ से ज्यादा फ़िल्में कर ली थीं जिनमें निभाये गए उनके जीवंत किरदार आज भी याद किये जाते हैं! विनोद मेहरा का जन्म 13 फरवरी 1945 को पंजाब के अमृतसर में हुआ था। तब विनोद मेहरा की दीदी शारदा फ़िल्मों में सह-अभिनेत्री की भूमिकाएं निभाया करती थीं। विनोद मेहरा की उम्र उस वक़्त सिर्फ 13 साल की थी जब उन्हें फ़िल्म ‘रागिनी’ में एक चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में काम करने का मौका मिला। बालक विनोद ने अपनी सहजता से सबका दिल जीत लिया और उन्होंने बाल कलाकार के रूप में उसके बाद कई और फ़िल्में भी कीं। इसके बावजूद उनका मन कभी एक्टर बनने को नहीं हुआ।

साल 1965 की बात है जब विनोद मेहरा एक बड़े प्राइवेट कंपनी में मार्केटिंग की जॉब कर रहे थे। तभी उनके कुछ दोस्तों ने उन्हें एक ‘ऑल इंडिया टैलेंट कॉन्टेस्ट’ में भाग लेने के लिए कहा, जिसमें देश भर से नौजवान हिस्सा ले रहे थे। विजेता के लिए फ़िल्म से लेकर मॉडलिंग तक के रास्ते बड़ी ही आसानी से खुल जाते। दोस्तों के ज़िद पर विनोद मेहरा ने इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। एक से एक स्मार्ट, हैंडसम और डैशिंग नौजवानों के बीच विनोद ने बाजी मार ही ली थी लेकिन, फाइनल राउंड में उन्हें दूसरे स्थान से ही संतोष करना पड़ा! इस टैलेंट कांटेस्ट के विजेता बने थे-राजेश खन्ना, जो बाद में देश के पहले सुपरस्टार बने। विनोद दूसरे नंबर पर रहे!

विनोद ने बाल कलाकार के बाद एक युवा अभिनेता के रूप में अपना बॉलीवुड सफ़र साल 1971 में आई फ़िल्म ‘एक थी रीता’ से शुरू किया। जैसा कि ऊपर आपने पढ़ा कि उनकी दिलचस्पी हीरो बनने में नहीं थी। लेकिन, एक बार फिर उन्होंने अपनी दोस्तों की बात मानी और एक रेस्तरां में जब उन्हें एक निर्माता-निर्देशक ने फ़िल्म ऑफर की तो वो इस फ़िल्म से जुड़ गए। उसके बाद विनोद मेहरा ने तमाम स्थापित अभिनेताओं के बीच अपनी एक अलग और सौम्य सी जगह बनाई।

विनोद मेहरा के फ़िल्मी कैरियर की गाड़ी रफ़्तार से चल रही थी। लेकिन, उनकी मां को अब अपने लाडले बेटे की शादी की चिंता सताने लगी। विनोद अपनी मां से बहुत प्यार करते थे और उन्होंने उनकी पसंद की लड़की मीना ब्रोका से शादी भी कर ली। लेकिन, दिल की बीमारी जैसे उनके सीने में घर कर चुकी थी! शादी के कुछ ही दिनों के बाद उन्हें पहला दिल का दौरा पड़ा और वो बाल-बाल बच गए। इस बीच उनका दिल अपनी हीरोइन बिंदिया गोस्वामी पर आ गया। उन्होंने बिना पहली पत्नी को डिवोर्स दिए बिंदिया से शादी कर ली। लेकिन, पहली पत्नी ने बाद में उन्हें डिवोर्स दे दिया!

विनोद मेहरा और बिंदिया का रिश्ता ठीक ही चल रहा था कि एक दिन बिंदिया गोस्वामी ने डायरेक्टर जे पी दत्ता से शादी करने के लिए उन्हें तलाक दे दिया। बिंदिया से अलग होने के बाद विनोद मेहरा ने तीसरी शादी किरण से 1988 में की थी और इस शादी के दो साल बाद ही उनकी डेथ हो गयी। किरण के विनोद से तब दो बच्चे भी थे! बेटा रोहन और बेटी सोनिया। ये दोनों बच्चे आज अभिनय की दुनिया में सक्रिय हैं!

बता दें कि विनोद मेहरा और रेखा के प्यार के किस्सों ने भी खूब सुर्खियां बटोरी हैं! ख़बरों की मानें तो विनोद मेहरा ने रेखा से शादी की थी। यह शादी कोलकाता में हुई थी। इसके बाद विनोद मेहरा, रेखा को अपने घर ले गए। लेकिन, विनोद मेहरा की मां कमला मेहरा ने रेखा को बहू के रूप में स्वीकार नहीं किया।

बताते हैं कि कमला को रेखा के अतीत के बारे में पता था कि वह बिन-ब्याही मां की बेटी हैं। इसलिए कमला ने रेखा को घर में घुसने ही नहीं दिया। ऐसे में विनोद मेहरा भी कुछ कर नहीं पाए और यह रिश्ता टूट गया। हालांकि, रेखा और विनोद मेहरा की शादी का कोई सबूत नहीं है। रेखा भी इस बात का खंडन कर चुकी हैं। एक इंटरव्यू में रेखा ने शादी की ख़बर को अफवाह बताते हुए विनोद मेहरा को अपना शुभचिंतक बताया था।
पर्दे पर विनोद मेहरा की जोड़ी सबसे ज्यादा मौसमी चटर्जी के साथ पसंद की गयी। मोहम्मद रफ़ी उनके पसंदीदा गायक रहे और ‘गुरुदेव’ उनकी आखिरी रिलीज़ फ़िल्म थी जो उनकी मौत के तीन साल बाद आई थी! विनोद मेहरा ‘अमर प्रेम, ‘अनुरोध, ‘अनुराग’, घर’, ‘स्वर्ग नरक’, कुंवारा बाप’, ‘अमर दीप’, ‘नागिन’ आदि फ़िल्मों के लिए हमेशा याद किये जाते रहेंगे!

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