धर्म एवं ज्योतिष

इन 3 चीजों के बिना अधूरी है हरतालिका तीज, व्रत भी हो सकता निष्फल!

अखंड सौभाग्य और मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए हरतालिक तीज भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया ति​थि को मनाई जाती है. हरतालिक तीज का व्रत पति की लंबी आयु और सफल वैवाहिक जीवन के लिए रखा जाता है. हरतालिक तीज मुख्य रूप से यूपी, बिहार समेत उत्तर भारत में मनाई जाती है. हर व्रत की तरह इसमें भी कुछ पूजा सामग्री की जरूरत पड़ती है, जिसके बिना हरतालिक तीज पूरी नहीं होती है. इस साल हरतालिक तीज 6 सितंबर दिन शुक्रवार को है. केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र से जानते हैं कि हरतालिक तीज की पूजा में कौन-कौन सी सामग्री की जरूरत होती है?
हरतालिक तीज में 3 बातें हैं महत्वपूर्ण

1. निर्जला व्रत
हरतालिक तीज के लिए निर्जला व्रत का म​हत्व है. माता पार्वती ने भगवान शिव को पति स्वरूप में पाने के लिए हजारों वर्ष तक जंगल में जप, तप और साधना की थी. उसके बाद जाकर उनकी मनोकामना पूर्ण हुई थी. इस समय में वैसा जप और तप संभव नहीं लगता. इस वज​​ह से हरतालिक तीज पर निराहार रहकर यानी बिना अन्न और जल के व्रत रखा जाता है. तीज के सूर्योदय से अगले दिन सूर्योदय तक कुछ भी नहीं खाते हैं.

शिव जी और माता पार्वती जी की पूजा करके सुहागन महिलाएं अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मांगती हैं. वहीं विवाह योग्य युवतियां अपने लिए मनचाहे जीवनसाथी की इच्छा से निर्जला व्रत और पूजा करती हैं.

2. 16 श्रृंगार की वस्तुएं
यह आप हरतालिक तीज मना रही हैं तो उस दिन 16 श्रृंगार का विशेष महत्व है क्योंकि सौभाग्य का संबंध श्रृंगार से जुड़ा है, जिसमें सभी वस्तुएं वैवाहिक जीवन की निशानी मानी जाती हैं. पूजा के समय व्रती महिलाएं स्वयं भी 16 श्रृंगार करती हैं और पूजा में माता गौरी को भी 16 श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करती हैं. सोलह श्रृंगार में सिंदूर, मेंहदी, चूड़ियां, महावर, बिंदी, काजल, नथ, मंगलसूत्र, मांग टीका, गजरा, बिछिया आदि वस्तुएं शामिल होती हैं.

3. दान के लिए नया वस्त्र
हरतालिक तीज में जिस प्रकार से पूजा और व्रत का महत्व है, उसी प्रकार से दान का भी विशेष महत्व है. तीज व्रती में महिलाएं कोई नई साड़ी या कोई नया वस्त्र किसी सुहागन महिला या पुरोहित की पत्नी को दान करती हैं और कुछ दक्षिणा देती हैं.

हरतालिक तीज 2024 पूजा सामाग्री
जो महिलाएं हरतालिक तीज का व्रत रखना चाहती हैं, वे समय से पूर्व पूजा की सामग्री का प्रबंध कर लें.
1. भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति या तस्वीर च
2. लकड़ी की एक चौकी, जिस पर मूर्ति स्थापना होगी
3. चौकी पर बिछाने के लिए पीले या लाल रंग का वस्त्र
4. कलश, आम के पत्ते, केले के पौधे, जटावाला नारियल, फूल, माला
5. 16 श्रृंगार की वस्तुएं, चुनरी, दान के लिए वस्त्र,
6. बेलपत्र, भांग, धतूरा, अक्षत्, हल्दी, कुमकुम, सिंदूर, धूप, दीप
7. पान, सुपारी, जनेऊ, चंदन, दूर्वा, शहद, घी, कपूर
8. गंगाजल, गाय का दूध, दही, नैवेद्य, गंध, मिठाई
9. हरतालिक तीज व्रत कथा, शिव और पार्वती जी की आरती की पुस्तक.

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