सुप्रीम कोर्ट में UIDAI के CEO देंगे आधार पर प्रजेंटेशन!
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के सामने आधार (Adhaar) से जुड़ी चिंताओं को दूर करने के लिए सरकार ने एक प्रस्ताव रखा है। केन्द्र ने उच्चतम न्यायालय से अनुरोध किया कि वह आधार से जुड़ी सभी चिंताओं को दूर करने के लिए योजना पर पॉवर प्वाइंट प्रजेंटेशन देने की यूआईडीएआई (UIDAI) के सीईओ को अनुमति दे। भाषा के मुताबिक भारत के प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने कहा, पीठ के अन्य न्यायाधीशों के साथ विचार करने के बाद पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन का समय तय करेंगे।
इससे पहले आधार को लिंक करने वाले मामले की सुनवाई करते हुए कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने इसकी तारीख फैसला आने तक बढ़ा दी थी। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली पांच न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ ने यह फैसला सुनाया था। संवैधानिक पीठ ने कहा था कि सरकार आधार को अनिवार्य बनाने पर जोर नहीं दे सकती। उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल 15 दिसंबर को आधार को अनेक योजनाओं से अनिवार्य रूप से जोड़ने की समय सीमा 31 मार्च तक बढ़ा दी थी। इससे पहले आधार को चुनौती देने के संबंध में दलीलें पेश कर रहे वरिष्ठ वकील श्याम दीवान ने कहा था कि 31 मार्च 2018 की समयसीमा बढ़ाई जा सकती है क्योंकि इस बात की संभावना बिल्कुल नहीं लगती कि आधार अधिनियम की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाले मामले में सुनवाई पूरी हो जाएगी।
सरकार ने कई तरह की योजनाओं का लाभ लेने के लिए आधार को बैंक अकाउंट से लिंक करना जरुरी कर दिया था। आधार को बैंक अकाउंट, क्रेडिट कार्ड, इंश्योरेंस, नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट, पीपीएफ, किसान विकास पत्र, म्युचुअल फंड, एलपीजी सबसिडी, पैन कार्ड और मोबाइल नंबर से जोड़ना जरुरी है।