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एक और सरकारी बैंक में घोटाला, CBI ने किया मामला दर्ज

नई दिल्ली: सीबीआई ने केनरा बैंक के पूर्व चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक आर के दुबे और दो तत्कालीन कार्यकारी निदेशकों पर 68 करोड़ रुपए से अधिक के कर्ज चूक मामले में धोखाधड़ी और जालसाजी का आरोप लगाया है। कैनरा बैंक (Canara Bank) ने यह कर्ज 2013 में स्वीकृत किया गया था। अधिकारियों ने यहां बताया कि CBI ने दुबे, बैंक के तत्कालीन कार्यकारी निदेशक अशोक कुमार गुप्ता एवं वी एस कृष्ण कुमार और ओकेजन सिल्वर कंपनी लिमिटेड के दो निदेशक कपिल गुप्ता एवं राज कुमार गुप्ता के खिलाफ यहां तीस हजारी अदालत में आरोप पत्र दायर किया है। इस खबर के बाद कैनरा बैंक का शेयर 4 फीसदी तक गिर कर 253 रुपए पर पहुंच गया।

संबंधों का इस्तेमाल कर दर्ज दिया गया
आरोप पत्र में बैंक के तत्कालीन उप महाप्रबंधक मुकेश महाजन और तत्कालीन मुख्य महाप्रबंधक टी श्रीकांतन और तत्कालीन सहायक महाप्रबंधक उपेंद्र दुबे का भी नाम है। सीबीआई के प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने बताया कि एजेंसी ने 27 जनवरी 2016 को कंपनी के खिलाफ केनरा बैंक से 68.38 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था। कंपनी ने यह धोखाधड़ी कमला नगर नयी दिल्ली की शाखा में अपने खातों के जरिये की थी। एजेंसी ने आरोप लगाया है कि गुप्ता, दुबे को जानते थे और कर्ज हासिल करने के लिये उन्होंने अपने संबंधों का इस्तेमाल किया।

और बन गया NPA
यह आरोप लगाया गया है कि सीबीआई के पास सीएमडी के एसएमएस संदेश हैं जिसमें कनिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिया गया था कि वे कर्ज देने में कमला नगर स्थित कंपनी पर अनु्ग्रह करें। उन्होंने बताया कि कर्ज दिसंबर 2013 में स्वीकृत होने के तीन महीने के भीतर वितरित किया गया था। उन्होंने बताया कि कर्ज दिये जाने के कुछ महीने के बाद ही सितंबर 2014 में यह एनपीए (NPA) बन गया था।

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