मध्य प्रदेश

अब उज्जैन में स्थाई आश्रम बना सकेंगे अखाड़ा प्रमुख

भोपाल/

हरिद्वार की तरह उज्जैन में भी साधु-संत, अखाड़ों के प्रमुख और महामंडलेश्वर अपने स्थाई आश्रम बना सकेंगे। सीएम डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को उज्जैन में थे। यहां उन्होंने मीडिया को बताया कि उज्जैन की पहचान ही साधु-संतों से हैं। 2028 में सिंहस्थ का आयोजन होने वाला है।
इसके अलावा वर्षभर होने वाले धार्मिक आयोजनों में साधु-संतों को उज्जैन में आने, ठहरने, कथा करने आदि के आयोजन के लिए भूमि और स्थान की जरूरत पड़ती है। साधु-संतों और श्रद्धालुओं दोनों के लिए ही निजी होटलों में आयोजन करना मुश्किल होता है। इसे देखते हुए सरकार ने स्थाई आश्रम निर्माण की योजना बनाई है।

सीएम ने बताया कि उज्जैन विकास प्राधिकरण के जरिए इस योजना को आकार दिया जाएगा। सिंहस्थ को ध्यान में रखते हुए सड़क, बिजली, पेयजल, जल-निकासी जैसी सुविधाओं के लिए भी स्थाई इंफ्रास्ट्रक्चर बनाया जाएगा। जिससे बार-बार अस्थाई निर्माण से होने वाली परेशानी और खर्च से बचा जा सकेगा।

इंदौर-उज्जैन मेट्रो को भी सरकार की सैद्धांतिक मंजूरी

सीएम ने कहा कि इंदौर-उज्जैन के बीच मेट्रो ट्रेन को राज्य सरकार ने सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। उज्जैन, देवास, फतेहाबाद, इंदौर को जोड़ते हुए सर्किल वंदे मेट्रो ट्रेन का भी किया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार प्रयास कर रही है। सिंहस्थ से पहले उज्जैन से निकलने वाले सभी मार्ग फोर-लेन में तब्दील किए जाएंगे। मौजूदा एयर-स्ट्रिप को अपग्रेड कर टेक्निकली एयरपोर्ट के रूप में विकसित किया जाएगा। इंदौर-उज्जैन सिक्सलेन निर्माण के टेंडर प्रक्रिया पूरी हो गई है। उज्जैन-जावरा ग्रीनफील्ड फोरलेन मार्ग का भूमिपूजन जल्द किया जाएगा।

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