मध्य प्रदेश

कांग्रेस का बड़ा आरोप- शिवराज सिंह के समय शुरू किए गए 47 विभागों के 125 योजनाओं को सरकार ने रोका

भोपाल ।    मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मध्य प्रदेश सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि लाड़ली लक्ष्मी, पीएम जन आरोग्य (आयुष्मान भारत), महाकाल विकास समेत 47 विभागों की 125 योजनाओं को मप्र सरकार ने रोक दिया है? ये वही योजनाएं हैं, जिन्हें पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज जी ने शुरू किया था।

विमान खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी

पटवारी ने आगे कहा कि राज्य के बजट के बाद, वित्त विभाग ने निर्देश दिया है कि इन योजनाओं के लिए पैसा उसकी अनुमति के बिना नहीं निकाला जा सकता है। यही वजह है कि लाड़ली लक्ष्मी और 124 अन्य योजनाओं का फंड रुका हुआ है। जबकि बजट के एक हफ्ते बाद जेट विमान खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी, लेकिन राम वन गमन पथ, मंत्री बंगलों का नवीनीकरण और तीर्थ यात्रा जैसी कई योजनाओं के लिए धन रोकने का फैसला कर लिया। पटवारी ने कहा कि फंड-होल्ड  सूची में डाली गई परियोजनाओं के मामले में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग को सबसे बड़ी मार पड़ी है। इसके बाद शहरी विकास और आवास विभाग, किसान कल्याण और कृषि विकास का नंबर है। उन्होंने कहा कि सच यह है बीजेपी में गहरे किस्म का अंतर्विरोध पनप गया है। वर्तमान मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री की योजनाओं, नीतियों को निशाना बना रहे हैं। ऐसी योजनाएं जिनका समर्थन खुद प्रधानमंत्री ने भी किया था।

कमीशन के खेल को खुली छूट देने का पूरा प्रबंध किया

पटवारी ने कहा कि एमपी बीजेपी सरकार का बजट आदेश यह भी बता रहा है कि कमीशन के खेल को खुली छूट देने का पूरा प्रबंध किया गया है! मुख्यमंत्री की लग्जरी का भी ध्यान रखा गया है, लेकिन लाड़ली बहनों को 3000 प्रतिमाह देने में कंजूसी की जा रही है।  पिछले साल नवंबर में विधानसभा चुनाव के बाद बनी मोहन सरकार को 3.5 लाख करोड़ रुपए का कर्ज विरासत में, यानी शिवराज सिंह चौहान सत्ता से मिला था, क्योंकि, तब भी सरकार कर्ज लेकर ही  सरक रही थी।

केवल 3 महीनों में 17,500 करोड़ रुपए का कर्ज लिया

पटवारी ने कहा कि ध्यान देने योग्य तथ्य यह भी है कि मप्र सरकार ने पिछले वित्त वर्ष में 42,500 करोड़ रुपये का ऋण लिया था। फिर मोहन यादव सरकार ने मार्च तक, मतलब केवल 3 महीनों में 17,500 करोड़ रुपए का कर्ज ले लिया। कर्ज लेकर सरकार की लग्जरी को बढ़ाया जा रहा है और चुनावी वादों से मुंह फेरकर जनहित से जुड़ी योजनाओं को बंद करने के लिए बजट पर कैंची चलाई जा रही है। मध्यप्रदेश की जागरूक जनता भाजपा के दोगले रवैए को देख और समझ रही है।

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