भोपाल में मावठा की बारिश, और बढ़ेगी ठंड:इंदौर समेत 13 शहरों में बूंदाबांदी की संभावना
बंगाल की खाड़ी में उठे मैंडूस तूफान के असर से मध्यप्रदेश के कई शहरों में आज बादल हैं। भोपाल में सुबह 7 बजे से बूंदाबांदी हुई। मौसम विभाग पहले ही 12 दिसंबर से मावठा गिरने का पूर्वानुमान जता चुका था। प्रदेश में अगले तीन दिन तक मैंडूस का सबसे ज्यादा असर इंदौर, खंडवा, इटारसी, बड़वानी, भोपाल, आगर-मालवा, सागर, रीवा, छतरपुर, छिंदवाड़ा, बैतूल, जबलपुर और शहडोल में रह सकता है।
इन जिलों में गिर सकता है मावठा
12 दिसंबर की रात से बड़वानी, बैतूल, इटारसी, भोपाल, इंदौर, सागर, रीवा, छिंदवाड़ा और शहडोल में हल्के बादल रह सकते हैं। बूंदाबांदी के आसार भी हैं। 13 दिसंबर की रात रीवा, सागर, भोपाल, बड़वानी, छिंदवाड़ा, इटारसी, दमोह और उमरिया में हल्की बारिश हो सकती है। इसी दिन शाम तक बड़वानी, इंदौर, भोपाल, सागर, रीवा, सिंगरौली, बैतूल और खंडवा में बादल छाने से बूंदाबांदी होने की संभावना है। 14 दिसंबर को बादल छंटने से तापमान में गिरावट दर्ज की जा सकती है। 15 दिसंबर तक मध्यप्रदेश में हल्के से मध्यम बादल छाए रह सकते हैं।
फोटो भोपाल के बड़ा तालाब का है। भोपाल में सुबह और शाम हल्की धुंध छाने लगी है। आज सुबह से बादल हैं। 7 बजे के आसपास बूंदाबांदी भी हुई।
फोटो छतरपुर के नौगांव का है। यहां सुबह घना कोहरा छा रहा है। पहाड़ी इलाकों में बर्फवारी होने से अब रात के साथ दिन में ठंड का अहसास होने लगा है। शीतलहर भी चल रही है।
सागर में रविवार दोपहर से ही बादल छा गए थे। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार एक-दो दिन में कहीं-कहीं बौछारें पड़ सकती हैं।
उज्जैन में भी सुबह और शाम धुंध छाने लगी है। जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डॉ. आरपी गुप्त ने बताया कि तूफान के असर के कारण मौसम में यह बदलाव आया है। 13 दिसंबर को भी इसी तरह का मौसम बना रहने की संभावना है। 14 के बाद तापमान में कमी आने लगेगी।
फोटो रायसेन का है। कार के शीशे पर ओस की बूंदें जम गईं। मौसम के जानकार एसएस तोमर के मुताबिक 13 और 14 दिसंबर को जिले में मावठा गिरने की संभावना है। जिले में औसतन 10 से 12 मिमी बारिश हो सकती है। हवा की दिशा बीते दिनों से रोज ही बदल रही है । पहले उत्तर- पश्चिम, फिर उत्तर- पूर्व, पूर्व और अब फिर उत्तर- पूर्व से हवा चलने लगी है ।
फोटो रायसेन का है। कार के शीशे पर ओस की बूंदें जम गईं। मौसम के जानकार एसएस तोमर के मुताबिक 13 और 14 दिसंबर को जिले में मावठा गिरने की संभावना है। जिले में औसतन 10 से 12 मिमी बारिश हो सकती है। हवा की दिशा बीते दिनों से रोज ही बदल रही है । पहले उत्तर- पश्चिम, फिर उत्तर- पूर्व, पूर्व और अब फिर उत्तर- पूर्व से हवा चलने लगी है ।
तूफान मैंडूस का नाम UAE ने दिया
चक्रवाती तूफान मैंडूस का नाम संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने दिया है। अरबी भाषा में इसका अर्थ है- खजाना। इस साल मानसून के बाद बंगाल की खाड़ी में यह दूसरा तूफान है। इससे पहले अक्टूबर में बांग्लादेश के तट पर सितरांग तूफान आया था।
हिमाचल में ताजा बर्फबारी
हिमाचल में हो रही बर्फबारी मैदानी इलाकों में ठंड बढ़ाएगी। हिमाचल के लाहौल जिले में सड़कों पर ब्लैक आइस जमना शुरू हो गई है। इन दिनों पर्यटकों की पहली पसंद लाहौल-स्पीति है। अटल टनल और बर्फबारी देखने के लिए पर्यटक देशभर से पहुंचने वाले हैं। क्रिसमस और नए साल पर जाने वाले सैलानियों ने कुल्लू, मनाली, शिमला, धर्मशाला में एडवांस बुकिंग करवा ली है। इसके चलते 70 से 80 फीसदी होटल एडवांस बुक हो चुके हैं। स्थानीय होटल कारोबारियों को उम्मीद है कि 25 दिसंबर तक सभी होटल फुल हो जाएंगे।
27 साल में चक्रवातों की संख्या दोगुनी
भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (आइसर) भोपाल के रिसर्च एसोसिएट डॉ. गौरव तिवारी ने बताया, साल 1990 से 2017 तक चक्रवात के डाटा की स्टडी की। इसमें पाया है कि ग्लोबल वार्मिंग की वजह से लगातार गर्म होते जा रहे उत्तरी हिंद महासागर में उष्ण कटबंधीय चक्रवातों (ट्रॉपिकल साइक्लोन्स) की तीव्रता में वृद्धि होती जा रही है। हालांकि, यह भी आशंका है कि उनकी औसत वार्षिक संख्या में कुछ कमी आ सकती है। करीब 27 साल के दौरान बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में 2.5 और 1.18 की वार्षिक औसत से क्रमश: 70 और 33 चक्रवातों का उद्भव हुआ।
तापमान बढ़ने से तीव्रता बढ़ी
इन दोनों समुद्रों के जल के तापमान में भी क्रमश: 0.15 और 0.16 डिग्री सेल्सियस की बढ़त हुई है। आने वाले सालों में अरब सागर में और अधिक तीव्रता वाले चक्रवात बनेंगे, जबकि बंगाल की खाड़ी में बनने वाले चक्रवातों की तीव्रता में कुछ गिरावट देखने को मिल सकती है।
यह फोटो हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति के छेलिंग गांव के करीब का है। यहां तापमान शून्य से नीचे 5-6 डिग्री तक जा रहा है। लाहौल में ताजा बर्फबारी से कड़ाके की सर्दी है। ऐसे में ये झरना जम गया और कलाकृति जैसा दिखने लगा।
अल नीनो सदर्न ऑसिलेशन और इंडियन ओशियन डायपोल का असर
अल नीनो सदर्न ऑसिलेशन (ENSO) और इंडियन ओशियन डायपोल (IOD) का असर उत्तरी हिंद महासागर के चक्रवातों पर भी पड़ता है। 1990 से 2017 के मध्य एनसो के लॉ-नीना फेज में अरब सागर और बंगाल की खाड़ी के औसत एसीआई में क्रमशः 25.1% और 5.6% की वृद्धि देखने को मिली है। निगेटिव आईओडी के वर्षों में अरब सागर में औसत एसीआई में 29.4% की वृद्धि, जबकि बंगाल की खाड़ी में 65.9% की गिरावट पाई गई है।
अब अरब सागर ज्यादा गर्म होने लगा
मध्यप्रदेश में बंगाल की खाड़ी और अरब सागर का मौसम पर प्रभाव पड़ता है। बंगाल की खाड़ी का सागर गर्म (औसतन तापमान 26 डिग्री सेल्सियस) और अरब सागर ठंडा ( औसतन तापमान 22 से 25 डिग्री सेल्सियस) कहा जाता है, लेकिन अब अरब सागर की पानी की सतह का तापमान 0.7 से 0.8 डिग्री सेल्सियस बढ़ गया है। समुद्र में चक्रवात 26 डिग्री सेल्सियस पर बनती हैं। अरब सागर में चक्रवात पहले भी बनते रहे हैं, लेकिन अब तक इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि यह मानसून में पहली बार मुंबई से होते गए। अभी तक यह गुजरात को हिट करते थे, लेकिन मुंबई और केरल में पहली बार इनकी एंट्री हुई।
1970 के बाद से तेजी से तापमान में बढ़ोतरी
मौसम वैज्ञानिक प्रोफेसर पंकज कुमार ने बताया कि मौसम में बदलाव होना सामान्य है, लेकिन जलवायु में परिवर्तन होना ग्लोबल वॉर्मिंग का साफ संदेश है। यही चिंता की बात है। अभी तक सबसे ज्यादा गर्मी, सबसे ज्यादा बारिश और सबसे कम तापमान सामान्य तौर पर सामान्य के आसपास रहते थे, लेकिन 1970 के बाद इनमें तेजी से बढ़ोतरी हुई है। यह स्ट्रीम स्तर पर यह घटनाएं ज्यादा बढ़ गई हैं।
उदाहरण के तौर पर पहले बादल फटने (एक घंटे में एक ही जगह पर 4 इंच बारिश) की घटनाएं साल में एक बार होती थीं। यह भी हिमालय के क्षेत्रों में होती थीं, लेकिन अब यह शहरी क्षेत्रों में ज्यादा बढ़ गई हैं। यही नहीं, एक मानसून सीजन में यह 3 से चार बार होने लगी हैं।
जानिए, मौसम विभाग बारिश-तूफान के बारे में कैसे पता लगाता है…
मौसम वैज्ञानिक लगातार बादलों, तापमान, हवाओं और चक्रवात का आकलन कर हर दिन मौसम का पूर्वानुमान यानी फोरकास्ट करते हैं। कई बार यह पूर्वानुमान फेल भी हो जाते हैं। यह पूर्वानुमान एक कोड पर बनते हैं। कोड में दिन के मौसम की स्थिति का सटीक आकलन कर डाटा भरा जाता है। इसकी मदद से सुपर कम्प्यूटर मौसम का पूर्वानुमान लगाता है। इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (आइसर) के मौसम वैज्ञानिक डॉ. गौरव तिवारी ने दैनिक भास्कर के साथ मौसम के पूर्वानुमान लगाने की प्रोसेस को बताया। जानते हैं मौसम के पूर्वानुमान की पूरी प्रोसेस…
तमिलनाडु के बाद आंध्र पहुंचा साइक्लोन मैंडूस
तमिलनाडु में तबाही मचाने के बाद साइक्लोन मैंडूस अब दक्षिण आंध्र प्रदेश की तरफ बढ़ गया है। मौसम विभाग के मुताबिक, शुक्रवार देर रात साइक्लोन मामल्लापुरम तट से टकराने के बाद कमजोर पड़ गया। शनिवार सुबह हवा की रफ्तार 50 से 60 किमी प्रति घंटे रहने की संभावना है। अभी भी राज्य के कुछ हिस्सों में शुक्रवार शाम से ही जमकर बारिश हो रही है। तेज हवाएं और आंधी की वजह से सैकड़ों पेड़ उखड़ गए। सड़कें तालाब में तब्दील हो गई हैं। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…
चक्रवात मैंडूस से तमिलनाडु में खतरा बढ़ा
साइक्लोन मैंडूस के चलते तमिलनाडु के तटीय इलाकों में जमकर बारिश हो रही है। तेज हवाओं और आंधी से सैकड़ों पेड़ उखड़ गए हैं। यहां 13 जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है। स्कूल-कॉलेजों में छुट्टी घोषित कर दी गई है। इधर, चेन्नई में तेज बारिश और हवाओं की वजह से 13 फ्लाइट कैंसिल करनी पड़ी हैं। हालात को देखते हुए चेन्नई में NDRF को तैनात किया गया है।
मौसम विभाग (IMD) के अनुसार मैंडूस बंगाल की खाड़ी में वेस्ट से नॉर्थ वेस्ट की तरफ बढ़ रहा है। यह 9 दिसंबर की रात पुडुचेरी और श्रीहरिकोटा के बीच उत्तर तमिलनाडु, पुडुचेरी और दक्षिण आंध्र प्रदेश के तट को पार करेगा। उस वक्त हवा की रफ्तार 65-75 किमी प्रति घंटे होने का अनुमान है। साइक्लोन के तट से टकराने के दौरान हवा की रफ्तार बढ़कर 105 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…
MP में गिरेगा मावठा, और बढ़ेगी ठंड
मौसम विभाग ने मध्यप्रदेश के करीब 10 जिलों में मावठा का पूर्वानुमान जताया है। अभी मध्यप्रदेश में दिन का पारा 25 से 29 डिग्री सेल्सियस के बीच चल रहा है। अगले एक सप्ताह के दौरान रात का पारा तो ज्यादा नहीं गिरेगा, लेकिन दिन के तापमान में गिरावट दर्ज की जा सकती है। बारिश होने से इंदौर को छोड़कर अधिकांश इलाकों में दिन का अधिकतम पारा 20 डिग्री सेल्सियस या उससे कम हो सकता है। इंदौर में यह 25 से 28 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…