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दुनिया का सबसे एडवांस मिलिट्री एयरक्राफ्ट तैयार:B-21 रेडर बॉम्बर न्यूक्लियर हमला करने में सक्षम, 2 दिसंबर को US एयरफोर्स को सौंपा जाएगा

अमेरिकी वायु सेना तेजी से अपने स्ट्रैटजिक बॉम्बर्स की फ्लीट को बढ़ा रही है। इसी बीच शुक्रवार यानी 2 दिसंबर को इस फ्लीट में B-21 रेडर बॉम्बर भी शामिल होने जा रहा है। नए साल की शुरुआत में इसकी तैनाती हो जाएगी। इसे बनाने में 16 हजार करोड़ रुपए की लागत आई है।

B-21 रेडर को अब तक का दुनिया का सबसे एडवांस मिलिट्री एयरक्राफ्ट बताया जा रहा है। अमेरिका का दावा है कि इस विमान की टेक्नोलॉजी इतनी एडवांस है कि दुनिया का कोई भी रडार इसे पकड़ नहीं सकता। इसे वेपन डेवलपमेंट कंपनी नॉर्थ्रॉप ग्रुम्मन ने बनाया है।

मौजूदा स्टेल्थ बॉम्बर्स B-1 और B-2 की जगह लेगा
नॉर्थ्रॉप ग्रुम्मन की एरोनॉटिक्स सिस्टम्स यूनिट के प्रेसिडेंट टॉम जोन्स ने बताया कि इस एयरक्राफ्ट को कैलिफोर्निया के पामडेल में एयर फोर्स प्लांट 42 में बनाया गया है। ये एयरक्राफ्ट इंजीनियरिंग और मैन्युफैक्चरिंग डेवलपमेंट (EMD) बैच का हिस्सा हैं। इस परियोजना को लॉन्ग रेंज स्ट्राइकर बॉम्बर (LRS-B) कॉन्ट्रैक्ट के तहत फंड दिया गया है। ये सेना के मौजूदा स्टेल्थ बॉम्बर्स B-1 और B-2 की जगह लेगा।

नॉर्थ्रॉप ग्रुम्मन कंपनी को 2015 में इसे बनाने का कॉन्ट्रैक्ट दिया गया था।
B-21 रेडर की खासियत
टॉम जोन्स ने कहा- इस एयरक्राफ्ट को न्यूक्लियर मिशन के लिए तैयार किया गया है। ये लंबी दूरी का डिजिटल बॉम्बर है जो फुर्तीली तकनीक और क्लाउड कंप्यूटिंग के जारिए कम्युनिकेट कर सकेगा। इसे हाई-एंड थ्रेट एन्वायर्नमेंट के लिए ऑप्टिमाइज किया गया है। इसकी नेटवर्किंग केपेबिलिटी भी काफी एडवांस है। इससे आसानी से खराब मौसम में भी संपर्क किया जा सकता है।

लेफ्टिनेंट कर्नल डूलिटल रेड से इंस्पायर होकर रखा गया नाम
B-21 रेडर का नाम सेकंड वर्ल्ड वॉर के डूलिटल रेड के सम्मान में रखा गया है। इस ऐतिहासिक मिशन के बारे में बात करते हुए टॉम जोन्स ने कहा- लेफ्टिनेंट कर्नल जेम्स ‘जिमी’ डूलिटल के नेतृत्व में 80 एयरमेन और 16 B-25 बॉम्बर ने युद्ध के मायने ही बदल दिए थे।

इंडियन एयरफोर्स के रीढ़ की हड्डी है MiG-21, अभी हटाए तो सूने पड़ जाएंगे 4 स्क्वाड्रन

एक ऐसा विमान जिसने 7 दशक पहले ध्वनि से भी तेज रफ्तार से उड़ान भरी। एक ऐसा विमान जिसकी टेक्नोलॉजी चुराने के लिए एक खूबसूरत इजरायली एजेंट को मिशन पर लगाया। एक ऐसा विमान जिसने 1971 और 1999 की जंग में भारत के सिर जीत का सेहरा बांधा। हम बात कर रहे हैं MiG-21 की, लेकिन इसी विमान ने भारत में पिछले पांच दशकों में 400 क्रैश में 200 पायलटों की जान भी ली है।

चीन बॉर्डर पर भारत-अमेरिका की मिलिट्री एक्सरसाइज,LAC पर रूसी हेलिकॉप्टर से पहुंचे दोनों देशों के सैनिक

उत्तराखंड के औली में चीन बॉर्डर के पास भारत और अमेरिका का मिलिट्री एक्सरसाइज चल रही है। खास बात ये है कि इस मिलिट्री एक्सरसाइज में रूसी हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल किया गया। दोनों देशों के सैनिक रूस के Mi-17V-5 हेलिकॉप्टर से वास्‍तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पहुंचे। Mi-17V-5 दुनिया का सबसे एडवांस ट्रांसपोर्ट हेलिकॉप्टर है।

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